दिल छू जाने वाली Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan, जिसे पढ़कर आप हो जाएंगे भावुक!
Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan: मुंशी प्रेमचंद, देश ही नहीं दुनिया भर के पाठकों की पहली पसंद है। प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के दम पर लोगों के दिलों में जगह बनाई हैं। सामाज का कोई भी वर्ग हो, सभी वर्गों के प्रिय हैं मुंशी प्रेमचंद। उन्होंने अपनी लेखनी में ऐसा जादू बिखेरा है कि उनकी कहानियों और उपन्यासों को पढ़कर आप एक पल के लिए भी खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाएंगे। आपने पढ़ा और देखा होगा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी किताबों में खास तौर पर ग्रामीण परिवेश को केंद्र में रखा है। तो ऐसे में आइए जानते हैं उनकी कुछ महत्वपूर्ण और भावुक कहानियां।
ये हैं Munshi Premchand ki 5 Vishesh Kahaniyan:-
कफ़न
मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी 'कफ़न' गरीबी, मानवीय पीड़ा और सामाजिक अन्याय पर आधारित एक मार्मिक कहानी है। यह कहानी घीसू और माधव नाम के दो गरीब पिता-पुत्रों की है, जो अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं के आगे अपनी पत्नी/बहू बुधिया की मृत्यु और अंतिम संस्कार की परवाह नहीं करते।
ईदगाह
Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan: प्रेम चंद की लेखनी में सबसे अच्छी बात यह होती है कि वे अपने किरदारों के मनोविज्ञान को बेहद बारीकी से उतारते हैं। इसी कारण से उनके किरदार किसी भी वर्ग और समाज के बीच पसंद किए जाते हैं. इतना ही नहीं उनकी लेखनी को पढ़ने के बाद पता लगता है कि वो कितना जमीन से जुड़े चीजों को बता रहे हैं। उनकी कई सारी कहानियां है, जिसमें एक कहानी ईदगाह भी है, इस कहानी का सारांश देखें। एक अनाथ बालक हामिद और उसकी दादी अमीना के बारे में ईदगाह में जिक्र है। हामिद अपनी दादी के साथ गरीबी में जीवन बिताते हुए ईद के मेले में जाता है। वहां वह अपने दोस्तों को खिलौने और मिठाइयां खरीदते देखता है, लेकिन उसके पास केवल तीन पैसे होते हैं। हामिद को अपनी दादी की याद आती है, जिनके हाथ रोटी बनाते समय जल जाते हैं, और वह उन तीन पैसों से एक चिमटा खरीदता है। घर लौटने पर, उसकी दादी पहले तो नाराज़ होती हैं, लेकिन जब उन्हें हामिद के त्याग और समझदारी के बारे में पता चलता है, तो वह भावुक हो जाती हैं। कहानी प्रेम, त्याग और जिम्मेदारी की भावना को दर्शाती है।
पूस की रात
Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan: "पूस की रात" मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है, जो एक गरीब किसान हल्कू और उसकी पत्नी मुन्नी के जीवन की कठिनाइयों को दर्शाती है। कहानी में, हल्कू अपनी फसल को नीलगाय से बचाने के लिए रात में खेत की रखवाली करता है, लेकिन ठंड और गरीबी के कारण वह अलाव के पास सो जाता है और नीलगाय उसकी फसल चर जाती है।
ठाकुर का कुआं
Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan: "ठाकुर का कुआं" प्रेमचंद द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है, जो भारतीय समाज में जातिवाद और सामाजिक असमानता की समस्या को उजागर करती है। कहानी में, गंगी नाम की एक निम्न जाति की महिला अपने बीमार पति के लिए पानी लाने ठाकुर के कुएँ पर जाती है, क्योंकि गांव का कुआं गंदा हो गया है। ठाकुर के कुएँ से पानी लाने में उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ऊंची जाति के लोग उसे पानी भरने नहीं देते। गंगी को रात में अपनी जान जोखिम में डालकर कुएँ से पानी लाना पड़ता है, और अंततः वह पानी ले तो लेती है, लेकिन ठाकुर के डर से उसे चुपचाप भागना पड़ता है। कहानी में, प्रेमचंद ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाई है, और दिखाया है कि कैसे निम्न जाति के लोगों को पानी जैसी बुनियादी आवश्यकता के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
नमक का दरोगा
Munshi Premchand ki lokpriya kahaniyan: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियों में 'नमक का दरोगा' का प्रमुख स्थान है। यह कहानी बताती है कि कैसे एक ईमानदार नमक निरीक्षक कालाबाजारी के खिलाफ आवाज उठाता है। 'नमक का दरोगा' कहानी धन पर धर्म की विजय की कहानी है। इस कहानी में मानवीय मूल्यों के आदर्श स्वरूप को दर्शाया और प्रतिष्ठित किया गया है। यह कहानी पाठक के हृदय को भावुक कर देती है।
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