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LAC तनाव के बीच चीन की तैयारी, कड़ाके की ठंड से निपटने के लिए अपने सैनिकों को दिए हाई-टेक उपकरण

वु ने कहा कि भोजन के भंडारण के लिये नये थर्मल इंसुलेशन उपकरण भी उपलब्ध कराये गये हैं और अत्यधिक ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों में तुरंत भोजन पकाने के लिये नये तरह के उपकरण अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहे हैं।

10:53 AM Oct 30, 2020 IST | Desk Team

वु ने कहा कि भोजन के भंडारण के लिये नये थर्मल इंसुलेशन उपकरण भी उपलब्ध कराये गये हैं और अत्यधिक ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों में तुरंत भोजन पकाने के लिये नये तरह के उपकरण अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहे हैं।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हजारों की संख्या में तैनात चीनी सैनिकों को कड़ाके की ठंड से निपटने के लिये हाई-टेक उपकरण मुहैया किये गये हैं। यहां चीनी राक्षा मंत्रालय की एक ऑनलाइन बीफ्रिंग में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कर्नल वु चुआन ने कहा कि ठहरने के संदर्भ में सैनिकों को नये, खोले जा सकने वाले और खुद से उष्मा पैदा करने वाले गर्म केबिन उपलब्ध कराये गये हैं, जो सैन्यकर्मियों द्वारा खुद बनाये जा सकते हैं।
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उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 5,000 से मीटर से अधिक ऊंचाई वाले जिन इलाकों में बाहर का तापमान शून्य से 40 डिग्री सेंटग्रेड नीचे है, वहां (केबिन के) अंदर का तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक रखा जा सकता है। नये विकसित किये गये उपकरण, जैसे कि नये स्लीपिंग बैग, डाऊन ट्रेनिंग कोट और कोल्ड प्रूफ बूट अत्यधिक ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए तैयार किये गये हैं। ये ठंड से बचाने और उष्मा प्रदान करने वाले और अत्यधिक आरामदेह हैं।
वु ने कहा कि भोजन के भंडारण के लिये नये थर्मल इंसुलेशन उपकरण भी उपलब्ध कराये गये हैं और अत्यधिक ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों में तुरंत भोजन पकाने के लिये नये तरह के उपकरण अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होने कहा कि चीनी सेना ड्यूटी पोस्ट पर ताजा फल एवं सब्जियां पहुंचाने के लिये ड्रोन विमानों का भी इस्तेमाल कर रही है। वु ने कहा कि हाई-टेक प्रौद्योगिकी के उपयोग से साजो सामान उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी और इससे सैनिकों की युद्ध की तैयारियों को भी प्रोत्साह मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि चीन ने भारत के साथ तनाव बढ़ने पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हजारों की संख्या में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं। हालांकि, मई की शुरूआत में गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों पक्षों ने कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की सिलसिलेवार वार्ता की है लेकिन टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के विषय पर अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

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