Himachal Cloudburst : बादल फटने और भूस्खलन से अब तक 19 की मौत, 52 लापता, 1200 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त
शिमला : हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं के चलते हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बुधवार शाम तक प्रदेश में 174 सड़कें, 162 बिजली ट्रांसफार्मर और 155 पेयजल योजनाएं अभी भी बाधित हैं। प्रदेश में 1,200 से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 700 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति का अनुमान लगाया गया है।
मंडी बना आपदा का केंद्र, 466 घर ध्वस्त
30 जून की रात मंडी जिले में एक साथ कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 52 लोग अभी भी लापता हैं। जिले में 466 मकान, 457 पशुशालाएं और 92 दुकानें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जबकि 466 मवेशियों की मौत हुई है।
करसोग क्षेत्र में बाढ़ की चपेट में आए ललित कुमार का शव आठ दिन बाद सतलुज नदी से बरामद हुआ है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और खोज अभियान चला रही हैं। आईटीबीपी की दो टीमें मंगलवार को पूरी तरह से कटे हुए थुनाग क्षेत्र के झुगांध और ढनियार गांव तक पहुंचीं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। अब तक सेना और आपदा बलों की मदद से 222 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
मौसम पूर्वानुमान: 15 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 9, 10, 13, 14 और 15 जुलाई को राज्य के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 11 और 12 जुलाई को भी कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। तापमान में अगले 4-5 दिनों तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। बीते 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश नाहन (70.0 मिमी) में दर्ज की गई। इसके अलावा नंगल बांध (36.0), दौलाकुआं (29.0), देहरा गोपीपुर (29.0), ओलिंडा (27.6), आरएल बीबीएमबी (21.0), गोहर और रोहड़ू (20.0 मिमी) में वर्षा दर्ज हुई।
आपदा राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि प्रदेश में आपदा राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बंद पड़े रास्तों को प्राथमिकता के आधार पर खोला जा रहा है। उन्होंने बताया कि जंजैहली से करसोग मार्ग को बहाल कर फंसे पर्यटकों को बाहर निकाला गया है। राजस्व मंत्री ने कहा, “सरकार पूरी तरह सतर्क है और राहत कार्यों में कोई कोताही नहीं बरती जा रही। आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है।”