खेल संस्कृति को बढ़ावा दे रही हिमाचल सरकार, पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर की 5 करोड़
Himachal Govt News: युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक गतिविधियों की ओर संचारित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार खेल गतिविधियों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने पर विशेष जोर दे रही है। यह पहल न केवल राज्य में खेल संस्कृति को मजबूत कर रही है, बल्कि युवाओं को नशे से दूर रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आकर्षक प्रोत्साहन देने के साथ-साथ सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के खेल ढांचे के विकास पर भी कार्य किया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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राज्य सरकार ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की गई है। रजत पदक विजेताओं को अब 2 करोड़ रुपये के बजाय 3 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये के बजाय 2 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
एशियाई खेलों और पैरा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दी गई है। रजत पदक विजेताओं को अब 30 लाख रुपये के बजाय 2.50 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के बजाय 1.50 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
Athletes in Himachal Pradesh

राष्ट्रमंडल और पैरा राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये के बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने पैरालंपिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व कप में पदक जीतने या भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को कुल 17,44,28,000 रुपये की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की। खिलाड़ियों को उचित व संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए आहार भत्ता भी बढ़ाया गया है।
Sports Projects
विद्यालयों में भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है ताकि छात्रों को अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिले। प्रदेश के बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अब 200 किलोमीटर तक की दूरी के लिए एसी थ्री-टियर रेल किराया और लंबी दूरी के लिए इकोनॉमी क्लास हवाई किराया प्रदान किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में खेल मैदानों और अत्याधुनिक खेल अवसंरचना के निर्माण एवं रखरखाव के लिए लगभग 38 करोड़ आवंटित किए गए। यह राशि कुल 74 खेल परियोजनाओं पर खर्च की गई।
Sports Hostel
शिमला जिले के रामपुर बुशहर के दत्तनगर में 9.45 करोड़ की लागत से एक खेल छात्रावास का निर्माण किया गया है, जिसमें 50 खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था है। सिरमौर जिले के माजरा में 7.28 करोड़ की लागत से एक हॉकी एस्ट्रोटर्फ विकसित किया गया है।
सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उस अवधि के दौरान विशेष अवकाश दिया जाएगा। यह निर्णय छात्रों के सर्वांगाीण विकास को बढ़ावा देगा। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को रोजगार देने के लिए 3 प्रतिशत खेल कोटा निर्धारित किया गया है, जिसके तहत वर्ष 2024 से अब तक 99 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को रोजगार प्रदान किया गया है।
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मुख्यमंत्री युवा खेल प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक खेल मैदान का निर्माण करने का प्रस्ताव है। राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में नोडल युवा क्लब स्थापित किए गए हैं। कुल 68 ब्लॉकों में प्रत्येक में एक-एक युवा स्वयंसेवक नियुक्त किया गया है और प्रत्येक जिला मुख्यालय पर भी एक स्वयंसेवक की नियुक्ति की गई है। पिछले वर्ष अखिल भारतीय डॉ वाई एस परमार मेमारियल वॉलीबाल टूर्नामेंट कांगड़ा जिले के पंचरुखी क्षेत्र में आयोजित किया गया, जबकि वर्ष 2023 में यह टूर्नामेंट शिमला के शोघी में आयोजित किया गया था।
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में खेल संरचना के विकास के साथ-साथ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे बहुआयामी प्रयास निश्चित तौर पर प्रदेश को खेलों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में दूरगामी भूमिका निभाएंगे।
शिमला से विक्रांत सूद की रिपोर्ट
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