Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

हिमाचल का बड़ा दावा! चंडीगढ़ में 7.19% हिस्सेदारी को लेकर सुक्खू सरकार की मांग

08:14 AM Nov 18, 2025 IST | Bhawana Rawat

Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अंतर-राज्यीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एक शीर्ष स्तरीय बैठक आयोजित की, उसमें उन्होंने कहा कि राज्य को चंडीगढ़ में भूमि और परिसंपत्तियों दोनों में उसका ‘वैध’ 7.19 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए। यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत अनिवार्य है। उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय के 2011 के उस निर्णय का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत जनसंख्या अनुपात हस्तांतरण के आधार पर हिमाचल प्रदेश संयुक्त पंजाब में 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी का हकदार है और यही बीबीएमबी द्वारा उत्पादित विद्युत में वैध हिस्सेदारी का आधार भी है।

बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता और रायल्टी 50 प्रतिशत करने की मांग

Advertisement
बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता और रायल्टी 50 प्रतिशत करने की मांग (Image- Social Media)

सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से लंबित बकाया राशि जारी करने और बीबीएमबी में हिमाचल से एक स्थायी सदस्य की नियुक्ति की मांग भी की। उन्होंने केंद्र द्वारा संचालित जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी देने की नीति को लागू करने और उन परियोजनाओं में हिमाचल की मुफ्त रॉयल्टी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का भी आग्रह किया, जिनकी लागत पहले ही वसूल हो चुकी है।

उन्होंने आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश को उसका वैध हक मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे को उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक के एजेंडा में रखा जाए। उन्होंने अनुरोध किया कि हिमाचल प्रदेश में 40 वर्ष पूरे कर चुकी जल विद्युत परियोजनाओं को राज्य को सौंप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन किशाऊ और रेणुका बांध जलविद्युत परियोजनाओं के विद्युत घटकों के लिए पूर्ण केंद्रीय वित्त पोषण की मांग की और आग्रह किया कि इनका कार्य पूर्ण होने के बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को 50-50 प्रतिशत विद्युत प्रदान की जाए।

सुक्खू ने केंद्र से पहाड़ी राज्यों की बढ़ती संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा राहत नियमों की समीक्षा करने और आपदा पूर्व एवं आपदा पश्चात प्रबंधन मानदंडों में उचित संशोधन करने का आग्रह किया। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति और हर वर्ष होने वाले व्यापक नुकसान को देखते हुए पूरे उत्तरी क्षेत्र के लिए एक एकीकृत, परस्पर निर्भर और सतत् विकास ढांचे का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों की अर्थव्यवस्था के संरक्षण और सामूहिक एवं केंद्रित प्रयासों के माध्यम से मूल्यवान मानवीय क्षति को कम करने के लिए ऐसी समन्वित योजना आवश्यक है।

हिमाचल प्रदेश के लिए बड़ी मांग

राज्य की रणनीतिक स्थिति और पर्यटन क्षमता पर बल देते हुए सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में हवाई नेटवर्क के विस्तार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाले कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार पर काम कर रही है। उन्होंने केंद्र से भूमि अधिग्रहण लागत वहन करने, परियोजना के लिए पूर्ण वित्त पोषण प्रदान करने और राज्य में छोटे हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट के विकास के लिए एक अलग मास्टर प्लान तैयार करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय बस्तियों को सहायता प्रदान करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीमावर्ती और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक उच्च ऊंचाई अनुसंधान केंद्र, आइस हॉकी स्टेडियम, एक साहसिक खेल केंद्र और अन्य प्रशिक्षण सुविधाओं की स्थापना का प्रस्ताव रखा। उन्होंने स्पीति के जनजातीय क्षेत्र में राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान परियोजना शुरू करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा के साथ-साथ शिपकी-ला से सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने शिपकी-ला से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने की राज्य की मांग भी दोहराई।

नशा निवारण और POCSO की सख्ती

नशा निवारण और POCSO की सख्ती (Image- Social Media)

नशीले पदार्थों के खिलाफ राज्य की लड़ाई का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बहुआयामी कार्रवाई कर रहा है। कानून-व्यवस्था के सख्त पालन के साथ-साथ, नशे की लत से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार और पुनर्वास के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चिट्टा जैसे खतरनाक पदार्थों के उन्मूलन के लिए तीन महीने का व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के पालन और ऐसे अपराधों के प्रति राज्य की जीरो टॉलरेंस नीति पर भी महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा की।

अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने का आग्रह

मुख्यमंत्री ने बैठक में हिमाचल प्रदेश तथा केंद्र शासित लद्दाख के मध्य सरचू और शिंकुला क्षेत्रों में अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने, शिमला में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उप कार्यालय को एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय के रूप में स्तरोन्नत करने और प्रदेश के वन संरक्षण अधिनियम से सम्बद्ध मामलों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने हिमाचल के आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए वन भूमि पर आवास निर्माण के लिए एक बीघा तक भूमि देने की अनुमति वन संरक्षण अधिनियम के तहत प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निजी भूमि के अतिरिक्त सारी भूमि तकनीकी रूप से वन भूमि की परिभाषा में आती है।

राजस्व घाटे की भरपाई के लिए विशेष टास्क फोर्स की मांग

राजस्व घाटे की भरपाई के लिए विशेष टास्क फोर्स की मांग (Image- Social Media)

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल ने कठिन वित्तीय स्थिति के साथ भी अपने स्तर पर आपदा पीड़ितों को विशेष राहत पैकेज देकर उनके ज़ख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है किंतु प्रदेश आपदा पश्चात आवश्यकता आकलन के तहत लगभग 10 हजार करोड़ रुपये तथा प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये के पैकेज का इंतजार कर रहा है। उन्होंने समूची धनराशि शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने राजस्व घाटा अनुदान में हो रही कमी, GST मुआवजे के बाद भी वर्ष 2023-24 तक राज्य को 9478 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि समूचे उत्तर भारत में पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ जल उपलब्धता के लिए हिमाचल और हिमालय विशिष्ट हैं। हिमाचल को हरित राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है।

रिपोर्ट- विक्रांत सूद

यह भी पढ़ें: सुथरे नहीं चिट्टे के सौदागर तो नामोनिशान और नेटवर्क सहित मिटा देंगे: CM सुक्खू

Advertisement
Next Article