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Hindi Poetry: “बर्बादियों का जश्न…” शायरों की महफिल से 8 खूबसूरत शेर

शायरों की महफिल से 8 दिलकश शेर

03:11 AM Apr 30, 2025 IST | Khushi Srivastava

शायरों की महफिल से 8 दिलकश शेर

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एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
-फ़िराक़ गोरखपुरी

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
-निदा फ़ाज़ली

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
-ख़्वाजा मीर दर्द

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इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है
-जिगर मुरादाबादी

बात उल्टी वो समझते हैं जो कुछ कहता हूँ
अब की पूछा तो ये कह दूँगा कि हाल अच्छा है
-जलील मानिकपूरी

मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
-बशीर बद्र

बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया
-साहिर लुधियानवी

हक़ीक़त छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से
कि ख़ुशबू आ नहीं सकती कभी काग़ज़ के फूलों से
-मिर्ज़ा मोहम्मद तक़ी तरक़्क़ी

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