Hindi Poetry: इरशाद! “ये इश्क़ नहीं आसाँ…” बेहतरीन शेर जिन्हें पढ़कर आप भी कहेंगे- ‘वाह-वाह’
इश्क़ के अनमोल शेर जो दिल को छू जाएं
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
-बशीर बद्र
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है
-जिगर मुरादाबादी
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
-अल्लामा इक़बाल
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
-मिर्ज़ा ग़ालिब
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
-हसरत मोहानी
हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक
-मिर्ज़ा ग़ालिब
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
-अहमद फ़राज़
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़