Hindi Poetry: “ये जवानी फिर कहां…” दिल को रास आने वाले दिलकश शेर
हिंदी शायरी- शायरों की दुनिया से चुनिंदा हिंदी शेर
08:43 AM Apr 11, 2025 IST | Khushi Srivastava
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अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूं
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूं
-अनवर शऊर
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
-मिर्ज़ा ग़ालिब
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां
-ख़्वाजा मीर दर्द
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
-बशीर बद्र
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएं कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएं कैसे
-वसीम बरेलवी
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
-जिगर मुरादाबादी
अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो
-निज़ाम रामपुरी
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूं मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूं मैं
-जिगर मुरादाबादी
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