Hindi Shayari: “तुम मुख़ातिब भी” अपने प्रिय को भेजें ये खूबसूरत शेर
इन खूबसूरत शेरों के माध्यम से व्यक्त करें दिल की बात
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
-मिर्ज़ा ग़ालिब
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में
-सीमाब अकबराबादी
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
-अनवर शऊर
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होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
-निदा फ़ाज़ली
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
-बशीर बद्र
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
-वसीम बरेलवी
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो
तुम को देखें कि तुम से बात करें
-फ़िराक़ गोरखपुरी
वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था
वो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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