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पाकिस्तान में फिर टारगेट पर हिन्दू लड़कियां! मुस्लिम युवको से जबरन कराई जा रही शादी

06:10 PM Jul 16, 2025 IST | Amit Kumar
पाकिस्तान में फिर टारगेट पर हिन्दू लड़कियां  मुस्लिम युवको से जबरन कराई जा रही शादी
पाकिस्तान में फिर टारगेट पर हिन्दू लड़कियां! मुस्लिम युवको से जबरन कराई जा रही शादी

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय के साथ होने वाले अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला तंदो अल्लाहयार जिले का है, जहां एक ही दिन में तीन हिंदू नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और शादी की शिकायत दर्ज की गई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तानाबाद थाने में तीन अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें कहा गया कि तीन लड़कियों, खेंची कोल्ही, लता मेघवध और मीना मेघवध—का अपहरण कर जबरन उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया और मुस्लिम युवकों से उनकी शादी कर दी गई. परिवार वालों के अनुसार, ये सभी लड़कियां नाबालिग हैं.

पीड़ित परिवारों का विरोध प्रदर्शन

इन घटनाओं से आहत परिवारों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए. पुलिस ने आश्वासन दिया कि जांच कर आरोपियों को हिरासत में लिया जाएगा, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ.

हाई कोर्ट में लड़कियों ने बदला बयान

मंगलवार को तीनों लड़कियां सिंध हाई कोर्ट, हैदराबाद सर्किट बेंच में अपने कथित पतियों के साथ पेश हुईं. अदालत में लड़कियों ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया है और मुस्लिम युवकों से निकाह किया है. उनका नाम भी बदल दिया गया, ऐसे में खेंची कोल्ही का नाम कलसुम, लता मेघवध का नाम बिस्मा और मीना मेघवध का नाम समाइमा रखा गया. कोर्ट ने लड़कियों और उनके पतियों को जमानत दे दी.

निष्पक्ष जांच की मांग

सिंध मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष इकबाल अहमद देथो ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने जिला पुलिस प्रमुख (SSP) को पत्र लिखकर खासतौर पर लड़कियों की उम्र की जांच करने को कहा है, क्योंकि यदि वे नाबालिग पाई जाती हैं तो यह विवाह ‘सिंध चाइल्ड मैरिज रेस्ट्रेंट एक्ट, 2013’ के तहत अवैध होगा.

हिंदू समुदाय लगातार हो रहा है शिकार

पाकिस्तान में खासकर सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सरकार और प्रशासन पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कई बार यह आरोप लगता है कि कानून व्यवस्था भी इस तरह की घटनाओं में निष्क्रिय बनी रहती है.

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Amit Kumar

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