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आमतौर पर रमजान मुस्लिमों का त्योहार है। रमजान के मुकद्दस महीने में रोजा रखने से परिवार में हंसी-खुशी और बरकत आती है, लेकिन गोरखपुर में एक हिंदू व्यक्ति, जो बरसों से रोजा रखकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। पेशे से व्यापारी 63 वर्षीय लाल बाबू के पिता भी रोजा रखते रहे हैं। वे उसी परंपरा को पिछले 38 सालों से आगे बढ़ा रहे हैं।
दरअसल, लाल बाबू का जन्म गोरखपुर के जगन्नाथपुर मोहल्ले में 1958 में हिन्दू परिवार में हुआ था, लेकिन हर साल रमजान के महीने में लाल बाबू रोजेदार बन जाते हैं। लाल बाबू के पिता गंगा प्रसाद भी रोजा रखते थे और उनके बाद लाल बाबू 14 साल की उम्र से उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। रोजा रखने के दौरान वे सेहरी से लेकर इफ्तार तक पूरी शिद्दत से करते हैं।
लाल बाबू ने कहा कि रब की रहमत से यह कारोबार खूब फला-फूला। आज इसी दुकान पर लाल बाबू और उनका बेटा दुकानदारी करते है। गंगा प्रसाद की मृत्यु के बाद रोजा रखने की इस परंपरा को उनके पुत्र लाल बाबू बखूबी अंजाम दे रहे हैं। लाल बाबू हनुमान जी के भी परम भक्त हैं और हर मंगलवार को वे व्रत रखते हैं। रोजे के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में इनको खूब पता है। इनके रोजे रखने की जानकारी मिलने के बाद इनके मुस्लिम पड़ोसी और सहयोगी भी काफी खुश हुए।