फिजी दौरे पर MoS पबित्रा मार्गरिटा का ऐतिहासिक संबोधन
MoS पबित्रा मार्गरिटा का फिजी दौरे पर प्रभावशाली संबोधन
फिजी के दौरे पर पहुंचे भारत सरकार के राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरिटा ने 146वें गिरमिट दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने गिरमिटिया मजदूरों की दृढ़ता, बलिदान और योगदान को याद करते हुए उन्हें फिजी की समृद्ध और समावेशी विरासत की नींव बताया। MoS मार्गरिटा ने फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के साथ मिलकर गिरमिटिया वंशजों को सम्मानित किया। उन्होंने फिजी सरकार का आभार जताया कि उसने गिरमिट दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर भारतीय मूल के लोगों की विरासत को मान्यता दी।
भारत-फिजी संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा
प्रधानमंत्री राबुका से मुलाकात के बाद MoS ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग को और गहरा करने को लेकर सार्थक बातचीत हुई। उन्होंने इसे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला क्षण बताया। उन्होंने सिएकाक़ा में एक योग केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन किया जो भारत-फिजी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साझेदारी का प्रतीक है। यह केंद्र स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को बढ़ावा देगा। साथ ही उन्होंने फिजी में रह रहे प्रवासी भारतीयों से भी बातचीत की।
भारत-फिजी रिश्तों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और फिजी के संबंध 1879 में शुरू हुए जब भारतीय मजदूरों को गिरमिटिया प्रणाली के तहत गन्ना खेतों में काम करने के लिए फिजी लाया गया। 1879 से 1916 के बीच करीब 60,553 भारतीय वहां पहुंचे। बाद में 1920 में गिरमिटिया प्रथा खत्म हुई और 1970 में फिजी को स्वतंत्रता मिली। तब से भारत-फिजी संबंध लगातार मजबूत हुए हैं।