MP में शराब प्रतिबंध पर उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों और निवासियों ने किया फैसले का स्वागत
महेश्वर बैठक में 17 शहरों में शराबबंदी का ऐतिहासिक निर्णय
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में खरगोन जिले के महेश्वर में एक कैबिनेट बैठक की गई। इस बैठक में राज्य के 17 धार्मिक शहरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने के एक महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी। सीएम मोहन यादव यादव ने जोर देते हुए कहा कि 17 शहरों में चल रही शराब की दुकानों को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा और इसे कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि पहले चरण में राज्य के 17 शहरों की नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत में शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इन दुकानों को कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। इन दुकानों को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव को किया धन्यवाद
इस महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उपमुख्यमंत्री, राज्य के मंत्रियों और निवासियों ने इसका स्वागत किया और निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को धन्यवाद दिया। राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि यह एक सराहनीय फैसला है। सभी की इच्छा थी कि धार्मिक शहरों में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, इसलिए आज लिए गए फैसले की पूरे मध्य प्रदेश में प्रशंसा हो रही है। मैं इसके लिए सीएम यादव का आभार व्यक्त करता हूं। साथ ही, पूरे मंत्रिमंडल ने पूरे राज्य में शराबबंदी की इच्छा जताई, जिसमें मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में पूरे राज्य में शराबबंदी करने पर सहमति जताई है।
कहां प्रतिबंध है शराब
जिन 17 धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें प्रदेश का एक नगर निगम, छह नगर पालिका, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायत शामिल हैं। उज्जैन नगर निगम की सीमा में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी। इसी तरह शराब प्रतिबंधित नगर पालिकाओं में दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और मैहर शामिल हैं। नगर परिषदों में शराब की दुकानें स्थायी रूप से बंद होंगी, उनमें ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक शामिल हैं। ग्राम पंचायतों में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, उनमें सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर शामिल हैं।