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यहां पर लोग रहते हैं जानवरों की तरह लोहे के पिंजरों में, वजह जानकर हो जाएंगे भावुक

जिस तरह से जानवरों को लोहे के पिंजरों में रखा जाता है उसी तरह से दुनिया की एक जगह में लोग पिंजरों में रहते हैं। अब आप सबके दिमाग में यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर क्यों

12:09 PM Dec 29, 2019 IST | Desk Team

जिस तरह से जानवरों को लोहे के पिंजरों में रखा जाता है उसी तरह से दुनिया की एक जगह में लोग पिंजरों में रहते हैं। अब आप सबके दिमाग में यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर क्यों

जिस तरह से जानवरों को लोहे के पिंजरों में रखा जाता है उसी तरह से दुनिया की एक जगह में लोग पिंजरों में रहते हैं। अब आप सबके दिमाग में यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर क्यों यहां के लोग पिंजरों में रहते हैं। ऐसा क्या राज है उनके पिंजरों में रहने का। चलिए हम आपको बताते हैं कि किस वजह से लोग यहां पर जानवरों की तरह पिंजरों में रहते हैं। 
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हांगकांग देश में लोग पिंजरों में रहते हैं। हालांकि हांगकांग में लोहे के पिंजरों में लोग रहते जरूर है लेकिन हर कोई पिंजरों में नहीं रह सकता है। पिंजरों में रहने के लिए लोगों को कीमत चुकानी होती है। खबरों के अनुसार करीब 11 हजार रुपए एक पिंजरे की यहां पर कीमत है। जो मकान खंडहर हो चुके हैं वहां पर इन पिंजरों को रखा जाता है। 
एक-एक अपार्टमेंट पिंजरों के अंदर होता है जिसमें 100 लोग रहते हैं। दो ही टॉयलेट एक अपार्टमेंट में होते हैं। इस वजह से रह रहे लोगों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 
सोसाइटी फॉर कम्युनिटी आर्गनाइजेशन के अनुसार, इस तरह के घरों में हांगकांग में अभी करीब 1 लाख लोग रह रहे हैं। ये वो लोग हैं जो महंगे घर खरीद नहीं सकते वह इसमें रहते हैं। यही वजह है कि इन लोगों को जानवरों की तरह पिंजरों में रहना पड़ता है। 
पिंजरों का साइज पहले से ही निर्धारित होता है। इसमें से किसी पिंजरा का साइज एक छोटे केबिन की तरह होता है तो वहीं ताबूत के साइज की तरह दूसरे पिंजरा होता है। इस पिंजरे में लोग गद्दे की जगह बांस की चटाई बिछाते हैं। 
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