किन राशि वालों के लिए मूंगा होता है फायदेमंद?
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मूंगा हमारे आत्मविश्वास को बहुत बढ़ा देता है। साहस पैदा करता है। जो कार्य आपको बहुत कठिन लग रहा हो वह मूंगा धारण करने से कुछ ही दिनों या महीनों में आप आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि मूंगा मानसिक शक्ति को बहुत बढ़ा देता है। एक यह मान्यता भी है कि जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं उनको भी मूंगा अवश्य धारण कर लेना चाहिए। ज्यादातर मामलों में मूंगा स्वास्थ्यवर्धक होता है। वैसे जो लोग मेडिकल लाईन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं जैसे डॉक्टर या मेडिकल स्टोर आदि से तो उनको अवश्य ही मूंगा धारण करना चाहिए।
मूंगा है जैविक रत्न
नवरत्नों में मोती और मूंगा दो ऐसे रत्न हैं जो कि पत्थर की श्रेणी में नहीं आते हैं। हालांकि आम बोलचाल की भाषा में इनको भी स्टोन ही कह दिया जाता है। लेकिन वास्तव में मोती और मूंगा स्टोन नहीं है। मूलतः ये दोनों जैविक पदार्थ हैं।
मूंगा और मोती से बनता है लक्ष्मी योग
जैसा कि प्रसिद्ध है कि मंगल और चन्द्रमा की परस्पर मित्रता है। हालांकि चन्द्रमा के साथ मंगल होने से मांगलिक दोष लगता है लेकिन किसी भी योग के हमेशा दोनों पक्ष होते हैं। इसलिए चन्द्र-मंगल की युति एक प्रसिद्ध लक्ष्मी योग भी है। जब मेष या वृश्चिक राशि में मंगल के साथ पक्षबली चन्द्रमा हो तो यह पूर्ण लक्ष्मी योग बनता है। जब यह योग बने तो लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त होती है। इसलिए मूंगे के दोनों तरफ दो मोती लगा कर धारण करके कृत्रिम तौर पर लक्ष्मी योग बनाया जाता है। कुछ लोग मोती और मूंगा की माला सुझाते हैं। माला में चूंकि वजन ज्यादा होता है इसलिए यह अंगूठी की तुलना में अधिक प्रभावी होती है।
मूंगा किन लोगों को धारण करना चाहिए
मूंगा मंगल की शुभता के लिए धारण किया जाता है। आमतौर पर जिन लोगों का जन्म मेष, कर्क, सिंह या वृश्चिक लग्न में हुआ है वे मूंगा धारण कर सकते हैं। दूसरे लग्नों में भी मूंगा धारण किया जा सकता है लेकिन इसके लिए जन्म कुंडली का अवलोकन अवश्य करवाएँ। इसके अलावा यदि जन्म कुंडली नहीं है तो लेकिन नाम मेष या वृश्चिक राशि पर है तो भी मूंगा धारण किया जा सकता है।
कैसे और कब धारण करें
मूंगा रत्न को खरीदने और धारण करने के लिए मंगलवार सबसे शुभ दिन होता है। यदि मंगलवार को संभव नहीं हो तो रविवार, सोमवार और गुरुवार को भी मूंगा धारण किया जा सकता हैं। मूंगा हमेशा चांदी, सोना या तांबा में धारण किया जा सकता है। मूंगे को धारण करने के लिए अनामिका अंगुली जिसे आम बोलचाल की भाषा में रिंग फिंगर कहा जाता है, सबसे शुभ होती है। हालांकि अच्छी क्वालिटी का कम वजन का मूंगा भी बहुत अच्छा काम करता है फिर भी मूंगे का वजन कम से कम 4 कैरेट या रत्ती होना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ मूंगा जापान का आता है। इसके बाद इटली का मूंगा अच्छा समझा जाता है। वैसे आजकल भारतीय मूंगे भी आने लगे हैं। मंूगे और मोती रत्नों के बारे में एक बात और चर्चित है कि इन दोनों रत्नों का प्रभाव हमेशा सीमित समय के लिए होता है। इसलिए इनको लगभग ढ़ाई वर्ष में बदल देना चाहिए।
मूंगा रत्न के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें
- जहाँ तक हो सके मूंगा हमेशा ट्रायंगल आकर में ही धारण करें।
- आयु के आधार पर उचित वजन का मूंगा होना आवश्यक है।
- मूंगा हमेशा अनामिका अंगुली में मंगलवार की सुबह धारण करें।
- मूंगा बहुत अधिक डार्क कलर का नहीं होना चाहिए। सामान्य लाल रंग का मूंगा श्रेष्ठ होता है।
- यदि कुंडली मांगलिक है तो मूंगा धारण नहीं करना चाहिए।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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