Hastrekha Vigyan: हस्तरेखाएं कैसे बताती हैं रिलेशनशिप और मैरिज के योग
यह जरूरी नहीं कि सभी पास अपनी जन्म कुंडली उपलब्ध हो। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। जैसे जन्म संबंधी आकड़ों का नहीं होना। या फिर जन्म समय में किसी तरह की भ्रान्ति होना। कुछ मामलों में घर वालों की अनदेखी के कारण भी जन्म समय आदि का अंकन नहीं हो पाता है। जिसके कारण जन्म कुंडली का बनाया जाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में हमें हाथों के आधार पर ही किसी भी अच्छी-बुरी घटना का आकलन करना होता है। हालांकि जन्म कुंडली नहीं होने पर रमल और टैरो जैसी विधियों से भी भविष्य देखा जाता है लेकिन सबसे लोकप्रिय विद्या हस्तरेखाएं हैं। हस्तरेखाओं का इतिहास बहुत प्राचीन है। रामायण काल से हस्तरेखाओं से फल कहने की प्रक्रिया अनवरत जारी है।
वैसे तो हस्तरेखाओं से जीवन के सभी पक्षों को देखा जा सकता है तथापि विवाह और रिलेशनशिप से रिलेटेड मैटर ज्यादा आसानी से देखा जा सकता है। क्यों कि अक्सर रिलेशनशिप या मैरिज के टिप्स हाथों की रेखाओं में बहुत क्लीयर दिखाई दे जाते हैं। रिलेशिनशिप कैसे और कब होगी। विवाह कब होगा। क्या विवाह सक्सेस होगा या फिर तलाक होगा, जैसी बातों के संबंध में हस्तेरेखाऐं हमें ज्यादा सटीकता से बना पाती हैं।
हथेली पर विवाह के सूत्र
आमतौर पर किनिष्ठिका अंगुली के नीचे बुध पर्वत पर विवाह की रेखाओं को माना गया है। लेकिन यह केवल एक भ्रम ही है। इन रेखाओं के संबंध में मान्यता है कि जितनी रेखाएं होंगी उतने ही विवाह होंगे। जबकि अनुभव यह बिल्कुल झूठ सिद्ध होता है। कुछ हाथों में यहां दो या अधिक रेखाएं पाई जाती है लेकिन विवाह एक ही होता है। इसके विपरीत कुछ लोगों के हाथों में केवल एक ही रेखा मिलती है लेकिन उनके विवाह दो हो जाते हैं। मैंने साधुओं और आजन्म अविवाहित लोगों हाथों में भी इन रेखाओं को देखा है, अतः इन रेखाओं को विवाह रेखा नहीं समझना चाहिए। यह एक बहुत बड़ा भ्रम फैलाया गया है।
विवाह की आयु को देखने के लिए बृहस्पति का क्षेत्र और शनि रेखा सबसे सटीक आकलन देती है। इसके अलावा शुक्र का क्षेत्र और तर्जनी अंगुली से भी विवाह की आयु को देखना चाहिए। यदि तर्जनी अंगुली सशक्त हो तो विवाह पारिवारिक परम्परा में चली आ रही एक निश्चित आयु में हो जाता है। यदि तर्जनी अंगुली में दोष हो तो विवाह में विलम्ब होता है।
हस्तरेखाओं में विवाह के योग
- जब बृहस्पति के क्षेत्र पर शुभ चिह्न हो तो जातक का वैवाहिक जीवन सुखद होता है। और उसका एक निश्चित आयु में विवाह हो जाता है।
- जब शुक्र का क्षेत्र बहुत उठा हुआ हो विवाह तो समय पर हो जाता है लेकिन यह संभव है कि तलाक हो जाए या वैवाहिक जीवन सुखद नहीं हो। बराबर तनाव और मनमुटाव रह सकता है।
- जब इण्डेक्स फिंगर टेढ़ी या मुड़ी हुई हो तो अक्सर विवाह में देरी होती है।
- इण्डेक्स फिंगर पर खड़ी रेखाएं ज्यादा हो तो 24 वें वर्ष में विवाह हो जाता है। जब कि इण्डेक्स फिंगर पर आड़ी रेखाएं हो तो विवाह नहीं होता है या फिर देरी से होता है। यदि सूर्य की रेखा टूटी हुई नहीं हो तो भी विवाह 23 प्लस की उम्र में विवाह हो जाता है।
- चन्द्रमा पर रेखाओं को जाल हो तो विवाह होने के बावजूद भी तनाव बना रह सकता है। इस स्थिति में यदि बृहस्पति का क्षेत्र भी खराब हो तो तलाक हो जाता है।
- जिन लोगों की हथलियों में गहरा गडढ़ा हो उन्हें वैवाहिक सुख प्रायः कम मिलता है।
क्या उपाय करें
- जिन लोगों को वैवाहिक सुख का अभाव है या जिनकी सगाई नहीं हो रही है उन्हें श्रीशिव का अभिषेक करना चाहिए। यदि अभिषेक नहीं कर सकते हैं तो प्रत्येक सोमवार को प्रातः शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।
- मिडिल फिंगर में डायमण्ड, मोजेनाइट, ओपल या क्युबिक जरकनिया पहनना चाहिए।
- यदि हैल्थ सही हो तो मंगलवार को प्रातः 11 बजे से पूर्व एक युनिट ब्लड डोनेट करना चाहिए।
- मोगरे या चमेली के इत्र का प्रयोग करना चाहिए।
- यदि जन्म कुण्डली उपलब्ध हो तो देखें कि उसके सातवें भाव में कोई पाप ग्रह तो नहीं है। यदि है, तो उसकी शान्ति करवानी चाहिए।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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