India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

काले घोड़े की नाल लगाकर, बिजनेस को करें घोड़े सवार

12:41 PM Apr 12, 2024 IST
Advertisement

Horoscope: भारतीय जनमानस, ज्योतिष और वास्तु में प्रतीकों का बहुत महत्व है। ये प्रतीक आज से नहीं बल्कि, कम से कम 5000 वर्षों से अनवरत उपयोग में लाए जाते हैं। इसी क्रम में काले घोड़े की नाल का भी चलन वर्षों से है। मुख्य तौर पर काले घोड़े की नाल लगाने का उद्देश्य बुरी आदतों, बुरी आत्माओं और बुरी नजर से घर और स्वयं को बचाने का एक सहज और सरल तरीका है।

वैसे तो काले घोड़े की नाल का शनि से कोई सीधा कोई संबंध नहीं है लेकिन यह लोहे की बनी होने के कारण इसको शनि से जोड़ कर देखा जाता है। वस्तुतः यह स्वयं में ही एक प्रतीक है। वैसे भी शनि और घोड़े का तो परस्पर कोई संबंध नहीं है। क्योंकि ग्रहों में सबसे मंद अर्थात् धीरे चलने वाला ग्रह है। और घोड़ा जानवरों में चीते के बाद सबसे तेज गति से दौड़ने वाला जानवर है। बेशक चीता घोड़े की तुलना में तेज गति से दौड़ सकता है लेकिन वह अपनी गति को बहुत समय तक कायम नहीं रख सकता है। उसकी तुलना में घोड़ा काफी समय तक अपनी गति को बना कर रख सकता है। इसलिए दूरी और उसमें लगने वाले समय की तुलना की जाए तो चीता पिछड़ सकता है।

घोड़े की नाल का संबंध दरअसल घोड़े की गति से ही है। घोड़ा जीवन में प्रगति और निरंतरता का प्रतीक है। सायद एक बात आपको पता नहीं होगी कि घोड़ा अपने जीवन काल में कभी भी बैठता नहीं है। अधिक थकान होने पर वह मिट्टी में लौटता है और पुनः अपनी उर्जा प्राप्त कर लेता है। इसलिए घोड़े की नाल को लगाने से बिजनेस में उन्नति होती है। जो कार्य लम्बित हो उनमें गति का संचार होता है। कर्मचारियों में बिजनेस को चलाने की नई शक्ति और इच्छा जागृत होती है।

हालांकि यह सभी के लिए संभव नहीं है कि काले घोड़े की नाल मिल जाए, लेकिन घोड़े की नाल अवश्य होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी रंग के घोड़े की हो।

जो लोग काले घोड़े की नाल को नहीं लगा सकते हैं उन्हें काले घोड़े के नाल की अंगुठी, मध्यमा अंगुली में पहन लेनी चाहिए। अंगुठी को इस तरह से बनवाना चाहिए कि नाल को आग में नहीं तपाया जाए। यदि नाल को आग में गर्म कर लिया जाएगा तो वह साधारण लोहे में परिवर्तित हो जायेगा। अंगूठी बन जाने के बाद शनिवार को शनि के बीज मंत्रों से उसे अभिमंत्रित करना चाहिए और फिर किसी शूद्र के हाथों से उसे पहन लेना चाहिए। इस प्रकार विधिपूर्वक अंगूठी धारण करने से शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति जीवन में उन्नति का अग्रसर होता है।

कैसे लगाना चाहिए

घोड़े की नाल को, जैसे मैंने चित्र में दिखाया है उस स्थिति में घर के बाहर लगाना चाहिए। आप पोली, जो कवर्ड एरिया का मुख्य द्वार होता है, उसके ऊपर भी लगा सकते हो और जो बाउंड्री वाल का मुख्य द्वार होता है, उस पर भी लगवा सकते हैं। जहां आपको सुविधा हो वहां जैसा चित्र में दिखाया गया है, इस तरह से इसको लगाएं।

कब लगाना चाहिए

इसको लगाने का सबसे अच्छा दिन शनिवार संध्या बेला है। इसको आप स्वयं भी लगा सकते हैं। लगाने के बाद किसी तरह के रखरखाव या पूजा-पाठ की आवश्यकता नहीं है।

Astrologer Satyanarayan Jangid

WhatsApp - 6375962521

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article