जानें कब मनाया जाएगा करवा चौथ
कब मनाया जाएगा करवा चौथ
सनातन धर्म में प्रतिदिन कोई न कोई उत्सव अवश्य होता है। इसी क्रम में करवा चौथ का व्रत है। वास्तव में करवा चौथ विवाहित महिलाओं का विशेष पर्व है। करवा चौथ लगभग समस्त भारत में किसी न किसी रूप से मनाया जाता है। लेकिन राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विशेष तौर पर इस पर्व की महत्ता है। इस व्रत का मूल उद्देश्य अपने पति की लम्बी आयु के लिए उपवास रखना है। करवा चौथ का व्रत प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि इस वर्ष तिथि क्षय के कारण यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 20 अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया जायेगा।
हालांकि क्षेत्र भेद के कारण व्रत के आयोजन में बहुत सी भिन्न परम्पराओं का आयोजन होता है। आमतौर पर इस दिन केवल पानी और फलाहार पर ही व्रत रखा जाता है। कुछ जगहों पर निर्जला व्रत भी रखा जाता है। निर्जला का अर्थ है रात्रि में चन्द्र दर्शन के उपरान्त ही जल और भोजन ग्रहण किया जाता है। यह व्रत सूर्योदय से आरम्भ होता है और चन्द्र दर्शन के उपरान्त पारण करके महिलाएं व्रत को पूर्ण करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पति दीर्घायु होता है और दांपत्य जीवन में सुख और सौहार्द बना रहता है। इस दिन महिलाएं शृंगार करती हैं और चांद को छलनी में देख कर अर्घ्य देती है। वर्तमान में पति को भी छलनी में से देखने की परम्परा चल रही है। हालांकि समस्त भारत में समान रूप से ये परम्पराएं नहीं है।
कब होंगे चन्द्र दर्शन
करवा चौथ पर चन्द्र दर्शन सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है। क्योंकि महिलाएं चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही अपने व्रत का पारण करती है। इसलिए चन्द्रोदय इस व्रत का एक हिस्सा है। हालांकि स्थान के आधार पर चन्द्रोदय में कुछ अंतर आ सकता है तथापि इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय रात्रि 7 बजकर 55 मिनट पर होना चाहिए।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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