दूसरा नवरात्रि :शाम के भोग में शामिल करें ये खास चीज,और पूरी करें मनचाही नौकरी की मनोकामना
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहला दिन जहां शैलपुत्री का होता है तो दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी विश्व में ऊर्जा का प्रवाह करती है और उनकी पूजा अर्चना करने से आपको सुख शांति मिलती है।
नौकरी पेशा लोगों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है।तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा किस तरह से की जानी चाहिए, भोग स्वरूप उन्हें क्या चढ़ाना चाहिए।
मंदिर के पास आसन बिछाएं और बैठकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें। अगर आपके पास माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की तस्वीर है तो उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं और भोग में पंचामृत सबसे पहले अर्पित करें। पंचामृत अर्पित करते समय ऊं ऐं नमः का जाप 108 बार जरूर करें, इसके साथ ही मां ब्रह्मचारिणी को पान, सुपारी और लौंग भी अर्पित की जाती है।
मां ब्रह्मचारिणी पीला रंग बहुत प्रिय है इसलिए माता की पूजा में पीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। साथ ही पीले रंग के वस्त्र और फूल अवश्य अर्पित करने चाहिए। पीला रंग मां के पालन-पोषण करने वाले स्वभाव को दर्शाता है। साथ ही यह रंग सीखने और ज्ञान का संकेत है और उत्साह, खुशी और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
नौकरी मिलना काफी ज्यादा मुश्किल होती है। कभी-कभी अगर आसानी से मिल भी जाती है तो कभी छुट जाती है। इतना ही नहीं कभी तो इंसान नौकरी में तरक्की नहीं हो होने पर काफी ज्यादा परेशान रहता हैं।गर आप भी नौकरी की वजह से परेशान है और इस परेशानी को दूर करना चाहते हैं या फिर सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप के सामन एक दीपक जलाएं और पूजा करें साथ ही मां को खीर का भोग लगाएं और अपने मन की इच्छा कहे। जल्द ही आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
इसके साथ आप ये उपाय भी कर सकते हैं अगर आप करियर में तरक्की पाना चाहते हैं तो आपको रोजाना गाय को रोटी खिलाना चाहिए। इतना ही नहीं आप रोटियों का दान भी कर सकते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से राशि पर पड़ रहे गलत ग्रहों के प्रभाव ठीक होते हैं और तरक्की के रास्ते खुलने लगते हैं।