छठा नवरात्र: शत्रु विनाश के लिए ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इन 9 दिनों मां दुर्गा की पूजा उपासना से मां की कृपा प्राप्त होती है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है।शास्त्रों में मां कात्यायनी का रूप करुणामयी है।
माँ कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था ।अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है , इनका वाहन सिंह ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाना चाहिए।
अगर आप देवी कात्यायनी की पूजा कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपको उनकी पूजा करते वक्त नारंगी रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए इससे देवी कात्यायनी प्रसन्न हो जाती हैं। देवी माँ कात्यायनी की आराधना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको नवरात्रि के छठवें दिन देवी कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।
शुभ मुहूर्त
देवी कात्यायनी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर को सुबह 6 से 7.30 तक, फिर सुबह सुबह 9 से 10.30 तक, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक और दोपहर 3 से शाम 4.30 तक रहेगा।
हमारे जीवन में अच्छे दोस्त होते हैं तो शत्रु भी होते हैं। लोग हमसे ईर्ष्या के कारण दुश्मनी मानने लगते हैं। ऐसे लोग हमेशा हमारा अहित चाहते हैं। मौका मिलने पर कभी-कभी ये शत्रु हमारे ऊपर हावी होने लगते हैं। शत्रुता का कारण कुछ भी हो लेकिन शत्रुओं के कारण हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारे कुछ शत्रुओं के कारण जीवन में भारी संकट में भी घिर जाते हैं, जिससे निकलने का हमें कोई रास्ता नजर नहीं आता है। ऐसे में आज के दिन आप ये उपाय करें।
यदि आपका कोई शत्रु है जिसके कारण आपको बेवजह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तो उससे छुटकारा पाने के लिए आज के दिन एक भोजपत्र लें उसपर लाल चंदन से अपने शत्रु का नाम लिखकर उस भोजपत्र को एक शहद की डिब्बी में भिगोकर रख दें। आपका शत्रु अपने आप शांत हो जाता है। यह उपाय बहुत ही कारगर माना जाता है।