100 ब्राह्मण को भोजन कराने का जो फल है वो केवल इस एक व्यक्ति को भोजन कराने से मिलता है
29 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुके हैं. पितृपक्ष में पितरों का पिंडदान और श्राद्ध किए जाते हैं। ऐसे में दान देना,ब्राह्मण को भोजन कराना बहुत ही फल देने वाला होता है। पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराना बेहद ही शुभ होता है।
पितृपक्ष में श्राद्ध के दौरान ब्राह्मण को भोजन कराने के लिए निमंत्रण दिया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को क्यों भोजन कराया जाता है।पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्र के अनुसार, ब्राह्मण को भोजन कराने से पितरों को भोजन आसानी से पहुंच जाती है। पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराने से घर में पितृ दोष खत्म हो जाती है। इसके साथ ही जातक पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है।
ऐसी मान्यता है कि ब्राह्मणों का भोजन कराने से व्यक्ति को ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिलता है और इससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, आती है। जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफलता मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यदि आप ब्राह्मण को भोजन नहीं करा सकते है तो आप इन खास दिनों मे अपने ही घर के एक सदस्य को भोजन कर के 100 ब्राह्मण को भोजन कराने का जो फल है वो आपको मिलता है।
पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म के बाद ब्राह्मण के अलावा दामाद, भांजा, मामा, गुरु, नाती को भी भोजन कराना चाहिए । घर के ये सदस्य घर के लिए बहुत लक्की होते हैं।
पितृ पक्ष में घर-परिवार के पितर देवता अपने वंश के लोगों के घर आते हैं। पितृ पक्ष के बाद वे अपने पितृ लोक लौट जाते हैं। पितृ पक्ष में धूप-ध्यान करने के बाद ब्राह्मणों के अलावा दामाद, भांजा, मामा, गुरु, नाती को भी खाना खिलाना चाहिए।'