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आरसीपी सिंह जदयू में इतना ताकतवर कैसे हो गये और प्रशांत किशोर को जदयू में क्यों रखना चाहते हैं नीतीश:तिवारी

श्री तिवारी ने बताया कि नागरिकता कानून का समर्थन करने के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि नीतीश जी किसी दबाव में हैं। उसी दबाव में उन्होंने नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन किया है।

05:02 PM Dec 15, 2019 IST | Desk Team

श्री तिवारी ने बताया कि नागरिकता कानून का समर्थन करने के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि नीतीश जी किसी दबाव में हैं। उसी दबाव में उन्होंने नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन किया है।

पटना : राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बयान जारी कर कहा है कि जदयू में आरसीपी इतना ताकतवर कैसे हो गए हैं। नीतीश कुमार प्रशांत किशोर को जदयू में रखना चाहते हैं। उनका इस्तीफा खारिज कर रहे हैं। तो आरसीपी उनको वहां से भगाना चाहते हैं। सब जानते हैं कि नीतीश जी की इजाजत की बगैर उनकी पार्टी में पत्ता भी नहीं खडक सकता है। ऐसे माहौल में  उनकी इच्छा के विपरीत सार्वजनिक रूप से बोलने की हैसियत आरसीपी ने कैसे अर्जित कर ली है।
नीतीश जी भले ही दावा करें कि एनआरसी यानी नागरिक रजिस्टर बिहार में नहीं लागू होगा। लेकिन स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तो अब संशोधित नागरिकता कानून के आधार पर ही बनेगा।  अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि एक-एक घुसपैठियों को निकाल बाहर करेंगे। ये लोग घुन की तरह देश को चाट रहे हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की घोषणा तो भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में ही कर दिया था। जबकि नीतीश जी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया था। इसका अर्थ तो यही है कि वह भाजपा के ही घोषणा पत्र पर लोकसभा का चुनाव लडी था। 
श्री तिवारी ने बताया कि नागरिकता कानून का समर्थन करने के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि नीतीश जी किसी दबाव में हैं। उसी दबाव में उन्होंने नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन किया है। अन्यथा तीन तलाक और 370 का विरोध करने वाला संविधान और देश की हमारी विशिष्टता को नष्ट करने वाले नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन कैसे कर सकता है। इसकी वजह क्या हो सकती है? नीतीश कुमार पर दबाव डालने के लिए किसी प्रकार से अर्जित आरसीपी के उस हैसियत का भाजपा इस्तेमाल तो नहीं कर रही है।
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