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कैसे पता चलता है कौन सा देश बना रहा परमाणु बम? किसका रहता है अहम रोल?

11:59 PM Jun 29, 2025 IST | Priya
कैसे पता चलता है कौन सा देश बना रहा परमाणु बम  किसका रहता है अहम रोल

इंटरनैशनल डैस्क : परमाणु बम-  वह विनाशकारी हथियार जो पूरी मानव सभ्यता को मिटाने की क्षमता रखता है। इसका भयावह उदाहरण 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर हुए परमाणु हमलों में देखा जा चुका है, जहां आज भी इसके असर की छाप महसूस की जाती है। यही वजह है कि इज़रायल किसी भी हालत में ईरान के पास परमाणु बम की क्षमता नहीं देखना चाहता। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान के पास यह क्षमता आ जाती है तो पूरे पश्चिम एशिया (मिडिल ईस्ट) में इज़रायल का रणनीतिक दबदबा खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में यह सवाल बेहद अहम हो जाता है कि दुनिया को कैसे पता चलता है कि कौन सा देश परमाणु बम बना रहा है या उसके पास संबंधित सामर्थ्य है?

खुफिया एजेंसियां और सैटेलाइट निगरानी करती हैं कड़ी निगरानी
परमाणु हथियार निर्माण की गतिविधियों का पता लगाने में सबसे पहले खुफिया एजेंसियों की भूमिका होती है। ये एजेंसियां दूसरे देशों की अंदरूनी गतिविधियों, खासकर रक्षा अनुसंधान और संवेदनशील प्रयोगशालाओं पर नजर रखती हैं। अगर इन गतिविधियों में कोई ऐसा संकेत मिलता है जो परमाणु हथियारों से जुड़ा हो, तो यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझा की जाती है।

इसके अलावा, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के ज़रिए भी परमाणु कार्यक्रमों पर नजर रखी जाती है। रिएक्टरों की गतिविधियों और भूमिगत परीक्षण स्थलों की निगरानी के लिए सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका ने जब ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमले किए, तो उसकी पुष्टि बाद में उपग्रह चित्रों से हुई, जिनमें विस्फोट से बने गड्ढे स्पष्ट रूप से देखे जा सकते थे।

IAEA का अहम रोल
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और परमाणु प्रसार को रोकने के लिए जिम्मेदार संस्था है। यह एजेंसी सदस्य देशों के परमाणु कार्यक्रमों का निरीक्षण करती है और संधियों के उल्लंघन की स्थिति में रिपोर्ट जारी करती है। IAEA की 2011 की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान वर्ष 2003 तक परमाणु हथियार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर चुका था। हालांकि, बाद में उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को निलंबित करना पड़ा।

क्या हर देश की जानकारी मिल पाती है?
तमाम निगरानी तंत्र और खुफिया प्रयासों के बावजूद हर देश के परमाणु कार्यक्रम की सटीक जानकारी मिलना हमेशा संभव नहीं होता। इज़रायल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो न तो स्वीकार करता है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, और न ही इनकार करता है। ऐसे में उसके पास परमाणु हथियार हैं या नहीं, यह अब भी एक रहस्य बना हुआ है।

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