Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कब तक गिनते रहेंगे ताबूत?

NULL

12:01 AM Feb 10, 2018 IST | Desk Team

NULL

जम्मू-कश्मीर में भारत के आॅपरेशन ऑल आउट अभियान की सफलता के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और दहशतगर्द तंजीमों का उद्देश्य कश्मीर घाटी में दहशत पैदा करना और अस्थिरता पैदा करना है इसलिए वह लगातार षड्यंत्र रच रहा है। यद्यपि श्रीनगर के महाराजा हरिसिंह अस्पताल के बाहर हमला कर पाकिस्तानी आतंकी अबू हंजला को छुड़ाने के मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो आतंकवादी और दो ओजीडब्ल्यू, जो आतंकी समूहों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर्स का काम करते हैं, शामिल हैं। अस्पताल का स्टाफ भी जांच के घेरे में है। इससे साफ जाहिर है कि पाक की साजिशों में घाटी के भीतर से भी मदद मिल रही है। पाकिस्तानी आतंकी अबू हंजला 7 जवानों का हत्यारा है। अस्पताल में किए गए हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एडीजीपी मुनीर खान ने स्वीकार किया है कि आतंकी नवीद जट उर्फ अबू हंजला को भगाने की साजिश चार माह पहले रची जा रही थी।

आतंकियों को रोकने के लिए पुलिस भी अस्पताल परिसर में फायरिंग कर जवाब दे सकती थी लेकिन इससे अन्य बेकसूरों के मारे जाने की संभावना थी। पूरी घटना को अंजाम देने के लिए जेल के भीतर मोबाइल फोन का प्रयोग किया गया। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम के उल्लंघन की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं जिसका खामियाजा हमारे जवानों को अपनी शहादत देकर चुकानी पड़ रही है। आम नागरिकों की मौतें भी हो रही हैं, जो बेहद चिन्तनीय है। पाकिस्तान सेना के हमले में एक सैन्य अधिकारी और तीन जवानों की शहादत एक बड़ा आघात है। न तो इस हमले की अनदेखी की जा सकती है आैर न ही रोज-रोज जवानों की शहादत के सिलसिले को सहन किया जा सकता है। सेना और पुलिस आतंकियों से तो निपट ही रही है लेकिन सबसे बड़ी चुनौती घाटी के भीतर छिपे रक्तबीजों से निपटने की है जो आतंकियों के मददगार बन रहे हैं। अब पाकिस्तान की नई साजिश सामने आई है। अभी तक तो गोलीबारी और मोर्टार से हमला होता रहा लेकिन अब मिसाइल से हमले की नई घटना हुई है। रविवार को पहली बार भारतीय सैन्य चौकी को मिसाइल से निशाना बनाया गया। इस हमले में एक सैन्य अधिकारी आैर तीन जवान शहीद हो गए। पहले पुंछ के शाहपुर सैक्टर में गोलीबारी शुरू हुई, इसके बाद स्वचालित हथियारों आैर फिर मोर्टार से भारतीय चौकियों को निशाना बनाया गया।

राजौरी के मारकुण्डी सैक्टर में पाकिस्तानी सेना ने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल से अंधाधुंध गोले बरसाए जिससे भारतीय सेना के बारूदी पोस्ट को काफी नुक्सान पहुंचा। पहली बार ऐसा हुआ है कि जब पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार से खुलकर भारतीय सेना पर हमला किया। सवाल उठ रहा है कि शहीद जवानों के ताबूतों की गिनती कब तक जारी रहेगी, इसके बारे में भारत सरकार को मंथन करने की जरूरत है। अब समय आ गया है जब हम पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दें। सीमा पार अगर शांति चाहिए तो पाकिस्तान पर बड़ा हमला करना होगा। भारत के पास सैन्य क्षमता पाकिस्तान से कहीं अधिक है। छोटी से लेकर लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं। ये मिसाइलें स्वतंत्रता अथवा गणतं​त्र दिवस पर मात्र राजपथ पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं तैयार की गई हैं, इनका उपयोग भी होना चाहिए। पाकिस्तान का कोना-कोना भारतीय मिसाइल की टारगेट पर है। पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है। हमें भी पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों के साथ पाकिस्तान की सैन्य चौकियों को निशाना बनाना होगा।पाकिस्तान के आतंकी राष्ट्र होने के संदर्भ में पक्के प्रमाणों की कमी नहीं। इसकी लम्बी शृंखला है। इसी क्रम में कश्मीरी युवकों को पाकिस्तानी वीजा देकर लश्कर के आतंकी बनाने का भी भंडाफोड़ हुआ है।

कश्मीरी युवकों को स्टूडेंट वीजा देना एक साजिश है। जगजाहिर है कि छात्र वीजा के नाम पर युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग ही दी जाती है। युवाओं को गुमराह करने में पाकिस्तान की बड़ी भूमिका है और जम्मू-कश्मीर सरकार पत्थरबाजों से मुकद्दमे वापस ले रही है। यह कैसा हीलिंग टच है। मुख्यमंत्री महबूबा ऐसा करके क्या संदेश देना चाहती हैं, यह तो वह ही जानें लेकिन घाटी के हालात बहुत खराब हैं। पाकिस्तान के राजनयिकों को तलब कर विरोध जताना व्यर्थ है। सर्जिकल स्ट्राइक और आक्रामकता का भी पाक पर कोई असर नहीं। भारत के अन्ध विरोध में पाक उन्मादग्रस्त है। अफसोस इस बात का है कि हनीट्रेप में फंसकर भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन तक पाक के लिए जासूसी में लिप्त है। अनेक व्यापारी हवाला के जरिये आतंकियों को फण्ड पहुंचा रहे हैं। भारत माता के बेटे ही ऐसा काम करेंगे तो यह देशद्रोह के समान है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। पाक के हुक्मरान और आतंकी संगठन तो शांति की भाषा नहीं समझते। उन्हें उन्हीं की भाषा में समझाना होगा, चाहे युद्ध की स्थिति ही क्यों न उत्पन्न हो जाए।

Advertisement
Advertisement
Next Article