गर्मी से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कितनी तैयार, जानें क्या हैं हीट एक्शन प्लान 2025
हीट एक्शन प्लान 2025: दिल्ली सरकार की तैयारी की समीक्षा
दिल्ली में गर्मी का मौसम आ चुका है। दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार है। दिल्ली सरकार ने गर्मी से निपटने के लिए हीट एक्शन प्लान 2025 तैयार किया है। इसमें 163 पन्नों के 6 अध्यायों में भीषण गर्मी और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के उपाय बताए गए हैं। इसमें अर्ली वार्निंग सिस्टम, क्षमता निर्माण, एनजीओ और जन जागरूकता को मुख्य रणनीति के रूप में अपनाया गया है। इस प्लान के मुताबिक भारत में लू से मरने वालों की संख्या 62 प्रतिशत तक बढ़ी है। इसमें गरीब एवं वंचित समुदाय के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बता दें कि- केवल श्रमिकों का जीवन ही नहीं बल्कि देश की जीडीपी भी गर्मी से प्रभावित हो रही है। इस प्लान में दिल्ली सरकार ने “जीरो टालरेंस फार हीट वेव डेथ्स” को अपनाया है। इसमें अर्ली वार्निंग सिस्टम, क्षमता निर्माण, एनजीओ और जन जागरूकता जैसों के सहयोग को मुख्य रणनीति के तौर पर अपनाया है। इस प्लान में 30 जानकारी साझीदार से जुड़ी हैं।
दिल्ली में गर्मी का मौसम आ चुका है। दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार है। गर्मी को लेकर दिल्ली सरकार ने हीट एक्शन प्लान 2025 को तैयार कर जिम्मेदारियों को अलग-अलग विभागों में बांट दिया गया हैं। इसमें भीषण गर्मी और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए 163 पन्नों के 6 अध्यायों में बांटा गया है।
इस प्लान के मुताबिक भारत में लू से मरने वालों की संख्या 62 प्रतिशत तक बढ़ी है। इसमें गरीब एवं वंचित समुदाय के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बता दें कि- केवल श्रमिकों का जीवन ही नहीं बल्कि देश की जीडीपी भी गर्मी से प्रभावित हो रही है।
इस प्लान में दिल्ली सरकार ने “जीरो टालरेंस फार हीट वेव डेथ्स” को अपनाया है। इसमें अर्ली वार्निंग सिस्टम, क्षमता निर्माण, एनजीओ और जन जागरूकता जैसों के सहयोग को मुख्य रणनीति के तौर पर अपनाया है। इस प्लान में 30 जानकारी साझीदार से जुड़ी हैं।
किस अध्याय में क्या
दिल्ली सरकार की हीट एक्शन प्लान 2025 के 6 अध्यायों में से:-
पहले में दिल्ली की सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक जानकारी लिखी है।
मौसम की जानकारी है।
दिल्ली का हरित आवरण और जनसंख्या का शहरीकरण की जानकारी है।
दूसरे अध्याय में, मौसम विभाग के मानको के अनुसार लू की परिभाषा।
डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, मृत्यु दर के बारें में जानकारी।
दिल्ली में गर्म दिनों की संख्या में बढ़ोतरी।
झुग्गी-बस्ती, निम्न आय वर्ग, बुजुर्ग, बच्चे, महिला, दिव्यांग को लेकर जानकारी।
“थर्मल हाटस्पाट” जिन्हें वार्ड-वार स्तर पर चिन्हित किए गए है।
तीसरे अध्याय में, रणनीति, भूमिका और जिम्मेदारियां की जानकारी दी गई है।
जान बचाना, बीमारियों को कम करना, अर्थिक संकटों से बचाना।
अर्ली वार्निंग सिस्टम को डिवेलप करना।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को गर्मी के लिए सही प्रशिक्षण देना।
स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए विशेष चिकित्सा प्रोटोकाल को डिवेलप करना।
लोगो को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करना।
NGO और नागरिक संगठनों का सहयोग लेना।
चौथे अध्याय में, लू प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारियों के बारे में लिखा है।
इसमें डीडीएमए, एमसीडी, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग आदि की अलग-अलग जिम्मेदारियों को तय किया हैं।
प्री-हीट सीज़न, हीट सीज़न और पोस्ट-हीट सीज़न के लिए अलग-अलग गतिविधियां और उपायों के बारें में लिखा हैं।
अस्पतालों में “हीट वेव वार्ड” बनाने के आदेश दिया गया है।
बस स्टोप, सड़कों और बाजारों जैसी जगहों पर पानी बांटने और ठंडी जगहों की व्यवस्था की बात हैं।
पांचवे अध्याय में, पेड़-पौधों को लगाने, जल बचानें और कूल रूफ की तकनीक को लगाने की बात।
ऊर्जा क्षमता को बढ़ाना।
शहरी ताप द्वीप के प्रभावों को कम करने के उपायों की बात।
सामाजिक भागीदारी के साथ मौसम परिवर्तन से निपटनें की बात।
छठे अध्याय में, हीट अलर्ट पर सूचना, स्वास्थ्य पर नजर, ट्रेनिंग कार्यक्रमों को आयोजित करनें की बात।
स्पष्ट समयसीमा और विभागों को लेकर कार्ययोजनाओं की बात।
समीक्षा और सुधार के लिए पोस्ट-हीट सीजन में अंदाज़ लगाना।
हीट एक्शन प्लान पर कुछ और मुख्या आदेश
दिल्ली के हर जिले के लिए विशेष हीटवेव प्रबंधन के गतिविधियों का आदेश।
जिम्मेदार अधिकारियों और समयसीमा का उल्लेख।
पोस्टर, टीवी, डिजिटल के माध्यम से जागरूक करना।
स्कूलों, अस्पतालों और पब्लिक प्लेसों में जन-जागरूकता सामग्री को बांटना।
मज़दूरों का कार्य समय बदलना।
निर्माण वाली जगहों पर बर्फ और ओआरएस के पैकेट को बांटना।
लू में क्या करना और ना करनें की बाते बताना।
जनता को ज्यादा पानी पीनें, दोपहर के वक्त बाहर ना निकलने, हल्के रंग और ढीले कपड़े पहननें की सलह देने की बात लिखी है।
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