जानें कौन सा मास्क आपको इंफेक्शन से बचाएगा और इसका इस्तेमाल करने का सही तरीका
सबसे पहले चीन में दस्तक दे चुका खतरनाक कोरोना वायरस से आज दुनियाभर के कई सारे देश जूझ रहे हैं।
10:52 AM Mar 07, 2020 IST | Desk Team
सबसे पहले चीन में दस्तक दे चुका खतरनाक कोरोना वायरस से आज दुनियाभर के कई सारे देश जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस से अबतक करीब 3100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है,जबकि 75 से ज्यादा देशों में 91 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो गए है। कोरोना वायरस की चपेट में अब भारत भी आ गया है और इसको लेकर बहुत खतरा भी बना हुआ है।
हालांकि इस बीमारी से डरने की नहीं बल्कि बचाव करने की सख्त जरूरत है। सबसे पहले ध्यान देने योग्य बात यह है कि संक्रमण से अपना बचाव करने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। तो आइए आपको बताते हैं कुछ बेहद जरूरी बातें जिससे आप पता लगा पाएंगे कि किसी तरह का मास्क आपको कोरोना के संक्रमण से बचा सकता है।
डिस्पोजेबल मास्क
डिस्पोजेबल मास्क को सर्जिकल मास्क भी कहा जाता है। इस मास्क का प्रयोग हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों के आसपास रहने वाले डॉक्टर और अन्य स्टाफ करते हैं। ये मास्क डॉक्टर और मरीज दोनों को संक्रमण से बचाव करता है। हालांकि इस मास्क की लाइफ महज 3 से 8 घंटे ही होती है। इसलिए कोरोना वायरस के बचाव के लिए ये मास्क कुछ ज्यादा प्रभावी नहीं है।
रेस्पिरेटर एन 95 मास्क
कोरोना वायरस या अन्य किसी भी वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए ये मास्क बहुत प्रभाव है। यह मास्क बाहर से अंदर तक फैलने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन की बेहतर तरह से रोकथाम करता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए एन 95 मास्क का प्रयोग करना सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना गया है। क्योंकि ये मास्क अच्छे तरह से फिट होते हैं और छोटे कणों को छानते हैं। ये मास्क हवा में मौजूद करीब 95 फीसदी छोटे कणों को अवरुद्घ कर देता है। हालांकि रेस्पिरेटर मास्क में भी 3 तरह की वैरायटी पाई जाती है।
FFP1 मास्क
यह वाला मास्क सिर्फ घरों में इस्तेमाल किए जाने के लिहाज से सही है। इसमें फिल्टे्रशन 80 प्रतिशत और लीकेज 20 प्रतिशत ही होती है।
FFP2 मास्क
इस वाले मास्क की क्वालिटी FFP1 मास्क की तुलना में थोड़ी बेहतर होती है। इसमें फिल्ट्रेशन 94 प्रतिशत और लकेज केवल 8 प्रतिशत तक ही होती है। वैसे इस मास्क को कोरोना वायरस से बचने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
FFP3 मास्क
ये मास्क की सबसे अच्छी क्वालिटी है। इसमें फिल्ट्रेशन 99 प्रतिशत और लीकेज करीब 2 प्रतिशत होती है। कोरोना,सार्स और बाकी जानलेवा वायरस से बचने के लिए भी बाहरी देशों में भी इस मास्क की सहायता ली जा रही है।
पहनने से पहले बरतें ये सावधानियां
-मास्क को हाथों में लेने से पहले हाथों को एल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर या साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
-मास्क से अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढकें और देख लें इसमें कोई गैप न रहे। आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना होगा कि मास्क पहनने के बाद आप इसे हाथों से न छूएं। अगर आपको मास्क को छूना भी है तो इससे पहले आ हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें। बता दें कि हर एक मास्क की लाइफ होती है। इसके बाद आपको इसे प्रयोग में नहीं लाना है।
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