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‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंचे, जंतर मंतर पर दे रहे धरना

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा सोमवार को जंतर मंतर पर बुलायी गई ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है।

02:04 PM Aug 22, 2022 IST | Desk Team

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा सोमवार को जंतर मंतर पर बुलायी गई ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा सोमवार को जंतर मंतर पर बुलायी गई ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे को खारिज किया है।
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वही, एसकेएम के सदस्य और ‘महापंचायत’ के आयोजक अभिमन्यु सिंह कोहर ने कहा, ‘‘महापंचायत एक दिवसीय शांतिपूर्ण कार्यक्रम है, जहां हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक 2022 रद्द करने समेत अपनी मांगों को दोहराएंगे।’’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि पुलिस ने जंतर मंतर पर ‘महापंचायत’ के लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है।
2020 में पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया था 
वही,  कोहर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आ रहे किसानों को गत रात रोका गया और जंतर मंतर पहुंचने नहीं दिया गया। उन्हें गुरुद्वारा बंगला साहिब, रकाबगंज और मोती बाग ले जाया गया तथा बाद में छोड़ दिया गया।उन्होंने बताया कि पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के कुछ हिस्सों से किसान दिल्ली पहुंच गए हैं, तथा ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए और लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘ पहले किसानों के आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने हमारी सभी मांगों पर विचार करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने ‘‘कुछ नहीं’’ किया।’’
इसी के साथ कोहर ने कहा, ‘‘इसलिए हम फिर से अपनी मांगें उठाएंगे और उन पर चर्चा करेंगे तथा आंदोलन की भावी रणनीति बनाएंगे।’’ गौरतलब है कि नवंबर 2020 में पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल लिया था। इन कानूनों को एक साल बाद निरस्त कर दिया गया। केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी सुरक्षा, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने समेत उनकी अन्य मांगों पर विचार करने का वादा किया था, जिसके बाद गत वर्ष दिसंबर में किसानों ने अपना आंदोलन निलंबित कर दिया था। 
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