W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

महिलाओं के गुप्तांग नोचे, आदमियों को जिंदा जलाया; निजाम के नरसंहार का सच जानकर खौल उठेगा खून

05:21 PM Sep 02, 2025 IST | Shivangi Shandilya
महिलाओं के गुप्तांग नोचे  आदमियों को जिंदा जलाया  निजाम के नरसंहार का सच जानकर खौल उठेगा खून
Nizam

Hyderabad Liberation Day: सितंबर का महीना अपने साथ ढेर सारी यादें लेकर आता है। इस साल भी आप कुछ ऐसी ही कहानियां पढ़कर पुरानी यादें ताज़ा कर सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इस बार हैदराबाद लिबरेशन डे का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब हैदराबाद में निजाम और रजाकारों के जुल्म और लोगों पर अत्याचार करने की लत लगातार बढ़ रही थी, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने केंद्र सरकार को तैयार किया और ऑपरेशन पोलो के तहत हैदराबाद को निजाम की तानाशाही से मुक्ति दिलाई। इसलिए हर वर्ष 17 सितंबर को हैदराबाद लिबरेशन डे मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं क्या है हैदराबाद के निजाम के नरसंहार की पूरी कहानी।

Hyderabad Liberation Day
Hyderabad Liberation Day

Hyderabad Liberation Day: यहां से शुरू हुई थी Nizam की कहानी

बताते चले कि हैदराबाद के आखिरी निजाम के कार्यकाल में लोगों पर सिर्फ और सिर्फ अत्याचार हुआ। निजाम ने लोगों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी। कहानी शुरू होती है हैदराबाद के आखिरी निजाम से, जिसका नाम मीर उस्मान अली खान सिद्दीकी असफ जाह था, जो उस दौरान देश का सबसे अमीर आदमी था। दूसरी तरफ, वह जितना अमीर था उतना ही अय्यासी और कंजूस भी था। उसे लड़कियों और महिलाओं में काफी रूचि थी। वह इतना कंजूस था कि एक-एक पैसे का हिसाब रखता था। इतना ही नहीं निजाम की अमीरी इतनी थी कि टेबल पर रखे पेपर को दबाने के लिए हीरे का इस्तेमाल करता था लेकिन कंजूसी इतनी की खाना टिन के बर्तन में खाता था।

British (अंग्रेजों को बनाया दोस्त)

Nizam
Nizam

निज़ाम ने अपने फायदे के लिए हमेशा अंग्रेजों से दोस्ताना रिश्ता बनाए रखा। सत्ता के लालच में, उसने अंग्रेजों से कभी कोई टकराव नहीं किया। सच तो यह था कि उस समय हैदराबाद में हिंदुओं की आबादी ज़्यादा थी, फिर भी उसने अंग्रेजों के साथ मिलकर हिंदुओं को दबाएं रखा और वहां आज़ादी की क्रांति की चिंगारी नहीं भड़कने दी। आगे चलकर निजाम ने अपना एक बड़ा टीम तैयार कर लिया, जिसमें सिर्फ मुस्लिम युवकों को शामिल किया गया था। ये लोग हिन्दुओं को शिकार बनाते थे और उनपर अत्याचार करते थे। नाजिम के लोगों ने भारत को एक मुस्लिम देश बनाने के सपने देखने शुरू कर दिए और धीरे-धीरे एक पैरामिलिट्री फोर्स तैयार कर ली, जिसका नाम रजाकार रखा। जिसका अर्थ होता है स्वयंसेवक।

महिलाओं को किया जबरन गर्भवती (Pregnant)

Nizam
Nizam

धीरे-धीरे रजाकारों की ताकत और क्रूरता हिन्दुओं पर बढ़ती चली गई। यहां तक कि जबरन हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया गया, महिलाओं के साथ दुष्कर्म किये गए। लड़कियों का जीना हराम कर दिया। पुरुषों को जिंदा जालाया। लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। जो मना करते थे उनके साथ अत्याचार किया गया। इतना ही नहीं जो महिला इस्लाम कबूल नहीं करते उन्हें रजाकार जबरन उठा कर अपने हवेली पर ले जाते और उनके साथ शादी कर उनकी जिंदगी नरक बना देते थे। जब ये महिला गर्भवती हो जाती थी, तो इनसे जन्में बच्चे रजाकार के संतान कहे जाते थे।

Hyderabad Liberation Day: मर्दों को इस्माल (Islam) न कबूल करने पर जलाया

जब भारत को आजादी मिली तब भी 565 देशी रियासतों को अंग्रेजों ने आजादी देने के नाम पर उलझा दिया। उस समय भी हैदराबाद को भारत का हिस्सा बनाने की कोशिशें जारी ही थी कि निजाम के रजाकारों ने हिन्दुओं पर अत्याचार की सारी सीमाएं पार करते हुए नरसंहार कर डाला। 1948 में रजाकारों ने निजाम के सुरक्षाबलों के साथ मिलकर भैरनपल्ली गांव पर हमला बोल दिया। वहां के लोगों को जबरन इस्लाम कबूल करने का दबाब बनाया, जिन्होंने मना किया उसे आग में जिंदा जला दिया गया और महिलाओं के इज्जत लूट लिए गए थे। यह सच्चाई है निजाम के नरसंहार की।

हैदराबाद को Nizam से इस तरह मिली आज़ादी

Hyderabad Liberation Day
Hyderabad Liberation Day

हैदराबाद के निजाम (Nizam) की अर्द्धसैनिक बल "रजाकारों" की बर्बरता अब असहनीय हो चुकी थी। हालात की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने हैदराबाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का निर्णय लिया। 13 सितंबर 1948 को तड़के 4 बजे, मेजर जनरल जे. एन. चौधरी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने "ऑपरेशन पोलो" की शुरुआत की। निजाम उस्मान अली खान की सेना भारतीय सेना के सामने टिक नहीं पाई। सिर्फ 5 दिनों के भीतर, 17 सितंबर 1948 को शाम 5 बजे, निजाम ने संघर्षविराम की घोषणा कर दी। उन्होंने रेडियो के माध्यम से रजाकारों पर प्रतिबंध लगाने की भी सूचना दी। अंततः, निजाम की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद राज्य भारत में विलय हो गया।

ये भी पढ़ें:बाढ़ से हाहाकार, नेताओं ने मदद देने का किया ऐलान तो कई कलाकार दे रहे करोड़ों रुपयों की फंडिंग

Advertisement
Advertisement W3Schools
Author Image

Shivangi Shandilya

View all posts

Advertisement
×