'मैं निर्दोष हूं...', जेल जाते समय बोला छांगुर बाबा, खत्म हुई पुलिस रिमांड
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर धर्म परिवर्तन मामले में मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को जेल भेज दिया गया है. दोनों की सात दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद यूपी एटीएस ने उन्हें मेडिकल जांच के बाद जेल में दाखिल कराया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हैरत की बात ये है कि एटीएस ने इन दोनों की रिमांड बढ़ाने की कोई याचिका नहीं दी. माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के पास पहले से ही काफी पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
'मैं निर्दोष हूं' : छांगुर बाबा
जेल जाते समय छांगुर बाबा ने खुद को निर्दोष बताया और कहा, "मैं कुछ नहीं जानता." हालांकि, एटीएस को उसकी कोठी में बने गुप्त तहखानों से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. आशंका है कि इन्हीं तहखानों में धर्मांतरण की साजिश रची जाती थी.
तहखानों से जुड़े बड़े खुलासे संभव
जांच में सामने आया है कि इन तहखानों में युवतियों को कैद कर जबरन धर्म बदलवाया जाता था. पीड़ित महिलाओं के अनुसार, वहां विदेशी मौलाना भी मौजूद रहते थे. तहखानों से मिले सुराग कई बड़े राज उजागर कर सकते हैं, जिससे एक पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है.
लाई डिटेक्टर- नार्को टेस्ट पर विचार
छांगुर और नसरीन के बयान संदेहास्पद माने जा रहे हैं, इसलिए एटीएस पॉलीग्राफ (लाई डिटेक्टर) और नार्को टेस्ट करवाने पर विचार कर रही है. ये टेस्ट उनके झूठ पकड़ने में मदद कर सकते हैं. झूठ बोलने पर शारीरिक प्रतिक्रियाएं मशीन पकड़ लेती हैं.
विदेश से आया था करोड़ों का फंड
पूछताछ में नसरीन ने स्वीकार किया कि इस्लाम धर्म प्रचार के नाम पर विदेश से भारी मात्रा में फंडिंग हुई. छांगुर बाबा ने खुद भी बताया कि करीब 100 करोड़ रुपये इस काम में लगे, लेकिन जब पैसे के हिसाब-किताब की बात आई तो उसने कहा, "मुझे कुछ नहीं पता, सब कुछ लैपटॉप में है."
छांगुर की कोठी में छुपा लैपटॉप
नसरीन ने बताया कि वह लैपटॉप छांगुर बाबा की कोठी के एक गुप्त कमरे में रखा गया है. इस लैपटॉप में फंडिंग, एजेंट्स की जानकारी और पीड़ित लड़कियों की पूरी सूची मौजूद हो सकती है. साथ ही, इसमें मौलाना एजेंटों की ट्रेनिंग से जुड़ी जानकारी भी मिलने की संभावना है.
ATS की अगली चाल
अब यूपी एटीएस की नजर छांगुर बाबा के लैपटॉप और तहखानों पर है. जांच एजेंसी उम्मीद कर रही है कि इनसे धर्मांतरण के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकेगा. यह केस अब सिर्फ छांगुर बाबा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसकी जड़ें विदेशों से जुड़े एजेंडों और फंडिंग नेटवर्क तक फैली हुई हैं.