I Love Muhammad: जुमे की नमाज के बाद सड़क पर उतरे लोग, बरेली में तनावपूर्ण हालात
I Love Muhammad: यूपी के बरेली में स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा द्वारा ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में प्रस्तावित प्रदर्शन को स्थगित किये जाने की घोषणा के बाद शुक्रवार को एक मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि बरेली में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर लेकर मस्जिद और मौलवी तौकीर रजा के आवास के बाहर इकट्ठा हुए। इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच झड़प हो गई।
प्रदर्शन स्थगित और लोगों का गुस्सा
मौलाना तौकीर रजा ने अंतिम समय में प्रदर्शन स्थगित कर दिया, क्योंकि अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इससे गुस्साई भीड़ ने पथराव किया और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
बरेली में तनावपूर्ण हालात
इस्लामिया मैदान के पास और दरगाह-ए-आला हजरत के आसपास हिंसा हुई। भीड़ ने वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की, जिससे भगदड़ मच गई।
प्रशासन का दावा: स्थिति नियंत्रण में
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि हालात अब सामान्य हैं और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने बताया कि धारा 163 लागू होने के कारण बिना अनुमति प्रदर्शन की इजाजत नहीं थी।
सरकार का आरोप: सुनियोजित साजिश
सूचना विभाग के मुताबिक, हिंसा उत्तर प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं को बदनाम करने और निवेश पर असर डालने के लिए रची गई साजिश थी।
पुलिस की कार्रवाई
दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने पहले से छपे बैनरों के साथ पथराव किया। सभी की पहचान कर कड़ी कार्रवाई होगी।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। शहर को सुरक्षा किले में तब्दील कर दिया गया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने लाठीचार्ज की निंदा की और अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ताक़त का इज़हार करना उसकी कमजोरी की निशानी होता है। सरकारें लाठी चार्ज से नहीं सौहार्द-सद्भाव से चलती हैं। घोर निंदनीय!’’
I Love Muhammad: विवाद की पृष्ठभूमि
यह मामला 4 सितंबर को कानपुर के बारावफात जुलूस से जुड़ा है, जब कानपुर पुलिस ने बारावफात के जुलूस के दौरान कानपुर की एक सड़क पर कथित तौर पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे बोर्ड लगाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस कदम पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे एक ‘नया चलन’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह जानबूझकर उकसाने वाला कदम है।