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IAS अभिषेक सिंह को इंस्टाग्राम पर पब्लिसिटी स्टंट करना पड़ा भारी, गुजरात चुनाव पर्यवेक्षक पद से हटाए गए

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर अपने आधिकारिक कार्यों से संबंधित तस्वीरें पोस्ट कर ‘प्रचार हथकंडा’ अपनाने के आरोप में गुजरात विधानसभा चुनाव के सामान्य पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया है।

07:32 PM Nov 18, 2022 IST | Desk Team

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर अपने आधिकारिक कार्यों से संबंधित तस्वीरें पोस्ट कर ‘प्रचार हथकंडा’ अपनाने के आरोप में गुजरात विधानसभा चुनाव के सामान्य पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया है।

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर अपने आधिकारिक कार्यों से संबंधित तस्वीरें पोस्ट कर ‘प्रचार हथकंडा’ अपनाने के आरोप में गुजरात विधानसभा चुनाव के सामान्य पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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आयोग ने शुक्रवार को गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को कड़े शब्दों में लिखे एक पत्र में कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2011 बैच के अधिकारी अभिषेक सिंह ने सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में अपनी नियुक्ति की जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया और अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल ‘पब्लिसिटी स्टंट’ (प्रचार हथकंडे) के लिए किया।
सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने सीईओ से उक्त अधिकारी द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरें भी साझा की।सूत्रों ने पत्र का हवाला देते हुए बताया कि आयोग ने इस मामले को ‘‘बेहद गंभीरता से लिया’’ और उन्हें सामान्य पर्यवेक्षक की भूमिका से तत्काल मुक्त कर दिया।सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपनी पहचान में खुद को आईएएस के अलावा एक जन सेवक, कलाकार और सामाजिक उद्यमी बताया है। उन्होंने ट्विटर पर भी उन तस्वीरों को साझा किया है, जो उन्होंने इंस्टाग्राम पर साझा किया था।
आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने ट्वीट किया कि वह आयोग के निर्णय को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं।हालांकि उन्होंने कहा कि उनके पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं है और वह ‘‘न तो प्रचार है और न ही स्टंट’’।आयोग ने अगले आदेश तक उस अधिकारी को चुनाव संबंधी कोई भी जिम्मेदारी सौंपे जाने पर रोक लगा दी है।
सूत्रों के मुताबिक उक्त अधिकारी को उस निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ने का भी निर्देश दिया गया है, जहां की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। अधिकारी से कहा गया है कि वह अपने मूल कैडर में अपने नोडल अधिकारी को रिपोर्ट करें।इस अधिकारी से बतौर पर्यवेक्षक मिलने वाली सारी सुविधाएं भी वापस ले ली गई हैं।सूत्रों ने बताया कि उक्त अधिकारी की जगह एक अन्य आईएएस अधिकारी को संबंधित विधानसभा क्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
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