जातीय गणना पर अखिलेश यादव की हाँ तो सपा के इस सांसद के बदले अंदाज़, कहा - क्या ज़रूरत है ?
03:15 PM Oct 03, 2023 IST | Nikita MIshra
बिहार में इस वक़्त जातीय जनगणना को लेकर पुरे देशभर में खलबली मची हुई है। साल 1931 में बहुजन समाज पार्टी के नेता कांशीराम द्वारा ही पहली बार जातीय जनगणना की मांग की गयी थी। लेकिन इस बीच समाजपार्टी के नेता द्वारा ही इस जनगणना पर तीखी प्रतिक्रिया दी गयी है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क की। जहाँ एक तरफ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव इस पर अपनी साझेदारी दिखा रहे हैं तो वहीँ दूसरी ओर उन्हीं के नेतागण इसी बात को लेकर तीखे प्रवचन दे रहे हैं। उन्होंने जातीय जनगणना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है की "इस वक़्त इसकी क्या ज़रूरत थी" उन्होंने कहा है की "मैं देश विकास, शिक्षा और एक बेहतर प्रधानमंत्री चाहता है इनमें से तो कुछ भी नहीं है। उनसे ये पूछा जाना चाहिए कि अगर आप देश चला रहे हैं तो आपने इसके विकास के लिए क्या किया है"
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सपा ने किया जातिगत जनगणना का स्वागत
दरअसल, समाजवादी पार्टी भी विपक्षी गठबंधन इंडिया एक सदस्य है। जिसके अंदरबिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी इसी गठबंधन में शामिल है। वहीँ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार में हो रहे इस सर्वे का स्वागत किया। जहां उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का एक नया रास्ता खोलेगी। उन्होंने कहा की जो सचमें अधिकार दिलवाना चाहेंगे वो जातिगत जनगणना करवाएंगे। उन्होंने ये भी कहा की इससे देश को तरक्की का नया रास्ता मिलेगा।
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