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यदि बिजनेस नहीं चल रहा तो करें यह उपाय, मिलेंगे लाभ

बिजनेस को सफल बनाने के लिए करें ये उपाय

08:19 AM Feb 15, 2025 IST | Astrologer Satyanarayan Jangid

बिजनेस को सफल बनाने के लिए करें ये उपाय

यदि बिजनेस नहीं चल रहा तो करें यह उपाय  मिलेंगे लाभ

वैदिक ज्योतिष कोई पांच हजार वर्षों से भारतीय जनमानस में प्रचलन में है। वेदों के साथ ही रामायण में भी ज्योतिष के बारे में कुछ सूत्र प्राप्त होते हैं। शेष विश्व भी भारतीय ज्योतिष का लोहा मानता है। विश्व में ज्योतिष के क्षेत्र में वर्तमान में जो सिद्धांत प्रचलन में हैं वे कमोबेश भारतीय ऋषियों की ही देन है। प्राचीन वैदिक ज्योतिष के उपाय बहुत सटीक और प्रभावी होते हैं। खास बात यह भी है कि इन उपायों से आपको स्थाई राहत मिलने का रास्ता खुल जाता है। इसलिए मेरा यह समझना है कि जब सभी मार्ग बंद हो जाए तो वैदिक ज्योतिष की शरण में अवश्य जाना चाहिए। इसमें आपको केवल ग्रहों के आधार पर समस्याओं के सटीक समाधान के सूत्र मिल जाते हैं। भारतीय वैदिक ज्योतिष के उपाय न केवल आसान बल्कि सात्विक भी होते हैं। इन उपायों को करने से आपको स्वतः दूसरे प्रतिफल भी प्राप्त हो जाते हैं।

जब बिजनेस नहीं चले तो क्या करें ?

यह आवश्यक नहीं है कि सभी को भाग्य का साथ मिल जाए। जिन लोगों की जन्म कुंडली में खोटे ग्रह हों उनको एक से अधिक बार प्रयास करना होता है। उसके बावजूद भी यह जरूरी नहीं कि सफलता मिल ही जाए। क्योंकि हमारा जीवन ग्रहों के अधीन है। जब ग्रह साथ दें तो सभी काम स्वतः ही पूरे होने लगते हैं। उन्नति के रास्ते लगातार बनने लगते हैं। लेकिन जब ग्रह खराब हो तो जिन कार्यों के प्रति आप पूरी तरह आश्वस्त रहते हैं वह काम भी पूरा नहीं हो पाता है। अंतिम समय में कोई न कोई समस्या निकल आती है। यह सब इस बात का परिचायक है कि जन्म कुंडली में ग्रह बहुत शुभ नहीं है। और जीवन में संघर्ष बना रह सकता है। और इस स्थिति में यह आवश्यक है कि आपको ग्रहों के उपाय करने चाहिए। जिससे जीवन कुछ हद तक सरल हो सके। इसी क्रम में मैं यहां बिजनेस के बंद होने या धीरे चलने के संबंध में वैदिक उपाय के बारे में बता रहा हूं जिसके प्रयोग से बिजनेस स्मूथ चलने लगेगा। और कभी बंद नहीं होगा।

बिजनेस न चलने के हो सकते हैं ये कारण

पहली बात तो यह है कि बिजनेस नहीं चलने के कई कारण होते हैं। सबसे पहला कारण तो हमें प्रैक्टिकली तौर पर देखना होगा कि वास्तव में बिजनेस क्यों नहीं चल रहा है। व्यावहारिक तौर पर बिजनेस के लिए बहुत सी जरूरी बातें होती हैं। जैसे पर्याप्त पूंजी, लोकेशन आदि। इसलिए पहले यह तय करें कि बिजनेस के लिए सभी जरूरी चीजें और सुविधाएं हमारे पास उपलब्ध हैं। इन सब के बावजूद भी बिजनेस नहीं चल रहा है, तो इसका सीधा सा अर्थ है कि आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है। इस समस्या के निवारण का एक अचूक उपाय मैं यहां बता रहा हूं। यदि पूरे मनोयोग से इस उपाय को किया जाए तो निश्चित तौर पर बिजनेस चलने लगता है। इसमें कोई शंका नहीं है।

क्या करना चाहिए

यह उपाय भगवान श्री गणेश जी का है। श्री गणेश जी ही ऋद्धि सिद्धि के दाता है। बिजनेस के बंद होने या धीरे चलने के कारण यदि कर्ज की पोजिशन आ गई है तो इस उपाय से कर्ज धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। हालांकि यह 43 दिनों तक चलता है लेकिन इसके परिणाम निश्चित तौर पर मिलते हैं। किसी भी शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू करें। यह कुल 43 दिनों तक लगातार करें। हालांकि उपाय 43 दिनों तक अनवरत करना है, लेकिन इसके परिणाम 7 से 15 दिनों के अंदर ही मिलने आरंभ हो जाते हैं। उपाय बहुत सरल है लेकिन इसके लगातार होना जरूरी है। इसलिए शुरू करने पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि इस उपाय को करने में आगामी 43 दिनों तक आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी।

ऐसे स्थापित करें गणेश जी की प्रतीमा

दुकान, फैक्टरी, घर, कार्यालय या किसी भी कार्यस्थल पर उत्तर दिशा में पश्चिम या पूर्व मुखी गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। ध्यान में रखें कि प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र नहीं होना चाहिए। कागज, पत्थर, मिट्टी, धातु या लकड़ी से बना हुआ चित्र या मूर्ति होनी जरूरी है। इस चित्र या मूर्ति की स्थापना के उरान्त प्रतिदिन दो या चार की संख्या में लड्डू (बेसन की बूंदी) के बने हुए, श्री गणेशजी को समर्पित करें। यहां यह भी ध्यान में रखना है कि लड्डू की संख्या सम होनी चाहिए। लड्डुओं का भोग केवल प्रातः ही लगाना है। रात्रि में नहीं लगाना है।

सम्मानित पाठक जानते हैं कि मैं बेकार के टोटकों को महत्व नहीं देता हूं, और ना ही बिना लॉजिक के तथाकथित टोटकों पर मेरा विश्वास है। टोटकों को करने की मैंने कभी सलाह भी नहीं दी है। मैंने जो कुछ भी बताया है, वह कोई टोटका नहीं है। बल्कि यह 43 दिनों का, श्री गणेश जी का एक अनुष्ठान है। यहां श्री गणेश जी, रिद्धि सिद्धि और सफलता के दाता हैं, बूंदी के लड्डू बृहस्पति के प्रतीक हैं, बूंदी में चीनी की चाशनी चंद्रमा है। ठोस चीनी, शुक्र का प्रतिनिधित्व करती है। इस तरह से बृहस्पति, चंद्रमा और शुक्र सर्वाधिक शुभ ग्रहों का श्री गणेश जी के साथ सार्थक समन्वय स्थापित होता है, जो हमारी बंद किस्मत के लॉक को अनलॉक करके एक मुमेन्ट पैदा करता है।

हालांकि जिनके ग्रह बहुत ज्यादा खोटे हैं, उनको परिणाम मिलने में वक्त लग सकता है, लेकिन परिणाम निश्चित मिलेगा, इसमें कोई शंका नहीं है।

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Astrologer Satyanarayan Jangid

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