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अगर जीएसटी फेल है, तो पुरानी कर प्रणाली लागू करें : ठाकरे

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां रविवार को कहा कि अगर जीएसटी विफल हो गई है, तो केंद्र को ईमानदारी से इसे स्वीकार कर लेना चाहिए और देश में पुरानी कर व्यवस्था को वापस लागू करना चाहिए।

11:03 PM Oct 25, 2020 IST | Shera Rajput

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां रविवार को कहा कि अगर जीएसटी विफल हो गई है, तो केंद्र को ईमानदारी से इसे स्वीकार कर लेना चाहिए और देश में पुरानी कर व्यवस्था को वापस लागू करना चाहिए।

अगर जीएसटी फेल है  तो पुरानी कर प्रणाली लागू करें   ठाकरे
शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां रविवार को कहा कि अगर जीएसटी विफल हो गई है, तो केंद्र को ईमानदारी से इसे स्वीकार कर लेना चाहिए और देश में पुरानी कर व्यवस्था को वापस लागू करना चाहिए। 
शिवाजी पार्क के पास एक ऑडिटोरियम में सिर्फ 50 लोगों की मौजूदगी के बीच शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को जीएसटी के बकाए का भुगतान नहीं किया गया है, जो कि 38,000 करोड़ रुपये है। इसके चलते राज्य को इस कोरोना काल में भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। 
ठाकरे ने कहा, ‘इस सब से यह प्रतीत होता है कि जीएसटी प्रणाली फेल हो गई है। यदि यह काम नहीं कर रही है, तो प्रधानमंत्री को ईमानदारी से इसे स्वीकार करना चाहिए और पुरानी कर व्यवस्था में वापस आ जाना चाहिए।’ दूसरे राज्यों के सामने आने वाली समान समस्याओं का जिक्र करते हुए, ठाकरे ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे का हल निकालने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए। ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी के बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन वितरित करने के वादे की भी कड़ी आलोचना की। 
ठाकरे ने कहा, ‘एक तरफ आप हमें हमारे हिस्से का बकाया जीएसटी नहीं दे पा रहे हैं और दूसरी तरफ, आप लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का वादा कर रहे हैं। पैसा कहां से आएगा? और शेष भारत का क्या होगा? यह भेदभाव क्यों है? क्या देश का बाकी हिस्सा पाकिस्तान है?’ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बिना ठाकरे ने उन पर निशाना साधा और कहा कि वो क्या हमसे ‘हिंदुत्व’ के बारे में पूछेंगे, जिनकी अपनी कोई साख नहीं है। 
ठाकरे ने चेतावनी दी, ‘हमारा हिंदुत्व आपके हिंदुत्व से बहुत पुराना और अलग है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने इस बारे में तब बोला था जब लोग इसका नाम लेने से भी डरते थे। मैंने एक बार हमला बोला है, अगर जरूरत पड़ी तो फिर बोलेंगे।’ राज्य के विपक्षी भाजपा नेताओं पर कड़ी चोट करते हुए, ठाकरे ने उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की दशहरा रैली का भाषण ध्यान से सुनने की नसीहत दी। 
उन्होंने कहा, ‘हमारा हिंदुत्व देवताओं, मंदिरों या पूजा या घंटा बजाने तक ही सीमित नहीं है। हमारा हिंदुत्व हमारा राष्ट्रवाद है। आपने महाराष्ट्र में गौरक्षा कानून बनाया, लेकिन गोवा में क्यों नहीं?’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शिवसेना ने मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के साथ हाथ मिलाया, जो आरएसएस से जुड़े किसी भी व्यक्ति के साथ कोई मेल-जोल नहीं रखना चाहते। हिंदुत्व के नाम पर ‘इसकी टोपी, उसके सर’ वाला गेम हमारे साथ मत खेलो।’ 
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए, ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘तारीख पे तारीख के बावजूद, मेरी सरकार नहीं गिरा पाए और ये सरकार स्थिर है।’  ठाकरे ने कहा, ‘जब से मैंने सीएम के रूप में पदभार संभाला है, कुछ लोग मुझे बाहर फेंकने का सपना देख रहे हैं। मैंने जो कहा, उसे दोहराया। यह एक खुली चुनौती है। अगर आप मेंहिम्मत है, तो मेरी सरकार को गिराकर दिखा दो।’ 
सीएम ने कहा, ‘देश में अजीबोगरीब चीजें चल रही हैं जो एक चिंता का विषय है, खास कर कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के दौर में। लेकिन भाजपा केवल लॉकडाउन में मंदिर पर राजनीति और सरकारों को गिराने में व्यस्त है।’ ठाकरे ने चेतावनी दी, ‘गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर न करें। अगर ये चीजें जारी रहेंगी, तो इससे देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी।’ 
अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बगैर, सीएम ने कहा, ‘जिन लोगों को अपने राज्य में ठीक से खाना नहीं मिलता है, वे यहां आते हैं, पैसा कमाते हैं और फिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ मुंबई की तुलना करके राज्य को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।’ 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सही समय पर मंदिर खोले जाएंगे। ‘मुझे मुंबई पुलिस पर पूरा भरोसा है। वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फोर्स में से हैं। मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिश करने वाले को धूल चटा दी जाएगी। अगर आप देश के लिए उतना समय दें जितना समय आप अपनी पार्टी की गतिविधियों के लिए देते हैं, तो ये सब के लिए बेहतर होगा।’ 
दशहरा रैली स्वातं˜यवीर सावरकर सभागार में आयोजित की गई। 1966 में पहली रैली के बाद किसी ठाकरे के सीएम के रूप में यह पहली रैली थी। इस दौरान कई शीर्ष शिवसेना नेता, मंत्री और निर्वाचित प्रतिनिधि मौजूद रहे। पूरे राज्य में इसे लाइव वेबकास्ट किया गया था। 
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Shera Rajput

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