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अगर भारत आर्मीनिया के साथ स्थिति में सुधार के लिए कोई पहल करता है तो वह स्वागत करेगा - अजरबैजान

अजरबैजान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आर्मीनिया के साथ बातचीत के लिए तैयार है एवं अगर भारत इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए कुछ प्रस्ताव करता है, तो वह ऐसी किसी पहल का स्वागत करेगा।

10:49 PM Sep 15, 2022 IST | Shera Rajput

अजरबैजान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आर्मीनिया के साथ बातचीत के लिए तैयार है एवं अगर भारत इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए कुछ प्रस्ताव करता है, तो वह ऐसी किसी पहल का स्वागत करेगा।

अगर भारत आर्मीनिया के साथ स्थिति में सुधार के लिए कोई पहल करता है तो वह स्वागत करेगा   अजरबैजान
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अजरबैजान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह आर्मीनिया के साथ बातचीत के लिए तैयार है एवं अगर भारत इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए कुछ प्रस्ताव करता है, तो वह ऐसी किसी पहल का स्वागत करेगा।
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अजरबैजान ने दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के कुछ घंटों बाद यह टिप्पणी की है।
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अजरबैजान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता लेयला अब्दुल्लायेवा ने एजेंसी के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हम उन सभी पहलों का स्वागत करेंगे जो (दोनों पक्षों के बीच) संबंधों को सामान्य बनाने के लिए तथा क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के इरादे से की जाती हैं।’
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उल्लेखनीय है कि आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच दो दिन चली लड़ाई में दोनों तरफ के 155 सैनिकों की मौत के बाद बृहस्पतिवार को संघर्षविराम बहाल हो गया।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भारत मदद के लिए आगे आता है या कोई प्रस्ताव करता है तो अजरबैजान इस तरह की पहल के लिए हमेशा तैयार है।
अब्दुल्लायेवा ने कहा, ‘अजरबैजान का भारत के साथ आर्थिक, मानवीय, सांस्कृतिक और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा सहयोग और अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं। भारत के साथ हम संयुक्त राष्ट्र, गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों और संगठनों के भीतर भी सहयोग कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘… अगर भारतीय पक्ष का मदद करने का इरादा है या वह कोई प्रस्ताव करता है, तो जैसा मैंने कहा, अजरबैजान इस तरह की किसी पहल के लिए हमेशा तैयार है।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा था कि भारत का मानना ​​है कि द्विपक्षीय विवादों का कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना ​​है कि द्विपक्षीय विवादों का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए। किसी भी टकराव का कोई सैन्य हल नहीं हो सकता। हम दोनों पक्षों को स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत की खातिर प्रोत्साहित करते हैं।’
अब्दुल्लायेवा ने जिक्र किया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी टिप्पणी में दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए शांतिपूर्वक मुद्दे को सुलझाने का आह्वान किया।
पूर्व सोवियत देशों के बीच नागोर्नो-काराबाख पर कब्जे को लेकर दशकों से शत्रुता है।
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Shera Rajput

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