W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

'हौसले बुलंद हो तो सब...', आंखों से न दिखने के बाद भी इस महिला ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ रचा इतिहास

दृष्टिहीन छोंजिन आंगमो ने माउंट एवरेस्ट पर किया विजय

03:41 AM May 24, 2025 IST | Amit Kumar

दृष्टिहीन छोंजिन आंगमो ने माउंट एवरेस्ट पर किया विजय

 हौसले बुलंद हो तो सब      आंखों से न दिखने के बाद भी इस महिला ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ रचा इतिहास

हिमाचल प्रदेश की बहादुर बेटी छोंजिन आंगमो ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास रच दिया है। दृष्टिहीन होते हुए भी उन्होंने यह कारनामा कर भारत और हिमाचल का नाम रोशन किया। किन्नौर के छोटे गांव चांगो में जन्मीं आंगमो ने अपनी कमजोरी को कभी बाधा नहीं बनने दिया और यूनियन बैंक में कार्यरत हैं।

Advertisement

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की एक बहादुर बेटी छोंजिन आंगमो ने नया इतिहास रच दिया है. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई कर भारत और हिमाचल का नाम रोशन किया है. सबसे खास बात यह है कि वह भारत की पहली दृष्टिहीन (आंखों से देख नहीं सकती) महिला हैं जिन्होंने यह अद्भुत कारनामा किया है.

Advertisement

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किन्नौर जिले के एक छोटे से गांव चांगो में जन्मीं छोंजिन आंगमो ने महज आठ साल की उम्र में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी. लेकिन उन्होंने इस कमजोरी को कभी अपनी राह में रुकावट नहीं बनने दिया. दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए करने के बाद वह यूनियन बैंक में कार्यरत हैं.

Advertisement

एवरेस्ट से पहले यहां पर रचा था इतिहास

छोंजिन आंगमो इससे पहले लद्दाख की माउंट कांग यात्से 2 (ऊंचाई 6,250 मीटर) चोटी पर भी सफल चढ़ाई कर चुकी हैं. वे हमेशा हेलेन केलर से प्रेरित रहीं और उनका मानना है कि “आंखें होना ही सब कुछ नहीं, असली दृष्टि सपनों में होती है.” इसी सोच के साथ उन्होंने हर चुनौती को पार किया.

परिवार में खुशी की लहर

आंगमो की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से उनके परिवार और गांव में खुशी की लहर है. उनके पिता ने कहा, “हमारी बेटी ने हम सभी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. हम उसके सकुशल लौटने का इंतजार कर रहे हैं.”

गांववाले भी उनकी इस उपलब्धि से बेहद उत्साहित हैं. वहीं छोंजिन आंगमो ने बताया कि पहाड़ों पर चढ़ना उनका बचपन से सपना था, लेकिन आर्थिक समस्याएं बड़ी बाधा थीं. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. अब वह कहती हैं, “मैं उन सभी पहाड़ों पर चढ़ने की कोशिश करूंगी, जो अभी बाकी हैं.”

पश्चिम बंगाल में गैस टैंकर विस्फोट से दहशत, सात गंभीर घायल

प्रधानमंत्री मोदी की थी सराहना

आंगमो दिव्यांग अभियान दल की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं. पिछले साल उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप (5,364 मीटर) तक की चढ़ाई पूरी की थी, जिससे वह ऐसा करने वाली पहली दृष्टिहीन भारतीय महिला बनीं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की थी. छोंजिन आंगमो राष्ट्रीय स्तर की एथलीट भी हैं. उन्होंने दो बार नेशनल ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इसके अलावा वह तीन बार दिल्ली मैराथन, पिंक मैराथन और दिल्ली वेदांत मैराथन में भी भाग ले चुकी हैं.

Advertisement
Author Image

Amit Kumar

View all posts

अमित कुमार पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा वायरल खबरें लिखने में माहिर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन व भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से पोस्ट ग्रेजुएट का डिप्लोमा और उत्तर प्रदेश राजश्री टंडन विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की। इसके बाद वेबसाइट पर लिखने के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की और बाद में इंडिया डेली न्यूज चैनल में बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। फिर इसके बाद न्यूज़ इंडिया 24x7 में हिंदी सब-एडिटर की पद पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
×