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जॉर्ज के नेतृत्व में अलग पार्टी नहीं बनी होती तो हमें बिहार की सेवा करने का मौका नहीं मिलता : नीतीश

निवेदन करने वे खुद प्रधानमंत्री के पास गए थे। जॉर्ज साहब एक संवेदनशील व्यक्ति थे और अपने पालतू देशी कुत्ते का भी काफी ख्याल रखा करते थे।

08:43 PM Feb 08, 2019 IST | Desk Team

निवेदन करने वे खुद प्रधानमंत्री के पास गए थे। जॉर्ज साहब एक संवेदनशील व्यक्ति थे और अपने पालतू देशी कुत्ते का भी काफी ख्याल रखा करते थे।

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज रविंद्र भवन में आयोजित स्व0 जार्ज फर्नांडिस जी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सब जार्ज साहब की स्मृति में यहां उपस्थित हुए हैं। पिछले दस वर्षों से जिस तरह उनकी तबीयत खराब बनी हुई थी, यादाश्त चली गई थी, उसके बाद 88 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई, एक तरह से यह उनके लिए मुक्ति ही है। स्वाभाविक और प्राकृतिक है कि एक दिन सभी को जाना है लेकिन किसी के साथ जो रिश्ता इस तरह बन जाता है, जिसका प्रभाव मन पर पड़ता है तो उसके जाने का गहरा दुख होता है। हम सबों ने जॉर्ज साहब के रुप में अपने अभिभावक को खो दिया है। जॉर्ज साहब के करीबी श्री अनिल हेगड़े जो हमेशा उनके साथ रहे, उनके आंदोलनों में भी साथ रहे, जॉर्ज साहब के साथ उनके संस्मरणों को आप उनके माध्यम से साझा करें। श्री अनिल हेगड़े हमारी पार्टी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉर्ज साहब युवावस्था से संघर्ष करते रहे, फुटपाथ से होते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया में नौकरी की, लेबर मुवमेंट में शामिल हुए और उसका नेतृत्व किया। वर्ष 1967 के लोकसभा चुनाव में प्रसिद्ध नेता पाटिल साहब को उन्होंने हराया और देश में सबसे बड़ी रेल हड़ताल का उन्होंने नेतृत्व किया। वे जे0पी0 आंदोलन में शामिल हुए, इमरजेंसी के दौरान वे जेल भी गए। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने यहां के प्रधानमंत्री को जॉर्ज साहब को जेल के अंदर हिफाजत से रखने के लिए फोन किया था। जेल में रहते हुए उन्होंने मुजफ्फरपुर से तीन लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीता। उनकी हथकड़ी लगी हुई तस्वीर उस समय काफी चर्चित रही थी। हमलोगों ने निर्णय लिया है कि मुजफ्फरपुर में उपयुक्त जगह का चयन कर जॉर्ज साहब की वही हथकड़ी लगी हुई तस्वीर को स्थापित किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ी को यह जानकारी हो सके कि जॉर्ज साहब कौन थे और क्या थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉर्ज साहब की भूमिका पार्टी के अंदर भी थी, समाजवादी आंदोलन में भी थी, वे भ्रष्टाचार के खिलाफ थे। वर्ष 1990 में बनी सरकार जिस तरह काम कर रही थी, जॉर्ज साहब ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई बदलाव होता न देख अंततः जॉर्ज साहब के नेतृत्व में 14 सांसदों ने जनता दल (ज) के नाम से अलग पार्टी का गठन कर दिया। 19 अक्टूबर 1994 को जॉर्ज साहब के नेतृत्व में समता पार्टी का गठन किया गया। हमलोगों ने काफी संघर्ष किया और फिर वर्ष 1998 में अटल जी के नेतृत्व में 13 माह की सरकार बनी, जिसमें जॉर्ज साहब रक्षा मंत्री के तौर पर शामिल हुये। उनके नेतृत्व में ही कारगिल में जीत हासिल हुयी।

वर्ष 1977 में वे मोरारजी देसाई की सरकार में उद्योग मंत्री भी रहे और कोका कोला को उन्होंने देश से बाहर किया। उन्होंने रेल मंत्री के रुप में भी कई बेहतर कार्य किए। मोरारजी देसाई जी स्वस्थ रहने के लिए स्वमूत्र पान किया किया करते थे। जॉर्ज साहब भी स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वमूत्र पान किया करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों तक मैंने भी किया है, स्वमूत्र पान किया है, जिससे मुझे सेहत में लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में जॉर्ज साहब के नेतृत्व में हमलोगों ने चुनाव में सफलता हासिल की। हमलोगों को यहां सरकार बनाने का मौका मिला। अगर जॉर्ज साहब के नेतृत्व में अलग पार्टी नहीं बनी होती तो हमलोगों को बिहार की सेवा करने का मौका नहीं मिलता। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉर्ज साहब की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है।

हम न्याय के साथ विकास कऱ रहे हैं और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। जॉर्ज साहब अपने साथ रहने वाले लोगों को प्रभावित करते थे। वे चर्चा के दौरान अपनी बातों को मजबूती से रखते थे। दिल्ली सेंट्रल हॉल की लाइब्रेरी में वे हमेशा पढ़ते रहते थे। जब देवेगौड़ा जी प्रधानमंत्री थे तो किसी को फांसी की सजा हुई थी, उसकी फांसी की सजा की माफी के लिए उनसे निवेदन करने वे खुद प्रधानमंत्री के पास गए थे। जॉर्ज साहब एक संवेदनशील व्यक्ति थे और अपने पालतू देशी कुत्ते का भी काफी ख्याल रखा करते थे। वे आदमी ही नहीं हर जीव जंतु के प्रति स्नेहशील थे, वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।

देश की सेवा के प्रति भी वे समर्पित थे। बिहार से उनका काफी लगाव था। उन्होंने नालंदा एवं मुजफ्फरपुर का प्रतिनिधित्व भी किया। वे हमेशा निर्भीक रहते थे। उन्होंने परम पावन दलाईलामा के लोगों की भी काफी मदद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जॉर्ज साहब के विचारों पर चलने वाले लोग हैं। हमलोगों का लक्ष्य बिहार के लोगों की सेवा करना है, मेवा पाना नहीं। हम ईमानदारी से काम कर रहे हैं। जॉर्ज साहब, लोकनायक जयप्रकाष नारायण, राम मनोहर लोहिया, स्व0 कर्पूरी ठाकुर एवं बापू के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि सभी लोग समाज में प्रेम, भाईचारा, सामाजिक सौहार्द्र का भाव कायम रखें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जॉर्ज साहब की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धांजलि सभा को जदयू प्रदेश अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, सांसद श्रीमती कहकषां परवीन, पूर्व सांसद श्रीमती मीना सिंह, जॉर्ज साहब के करीबी श्री अनिल हेगड़े एवं श्री अजय कुमार रॉकेट ने भी संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में जदयू बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद श्री राम वचन राय ने श्रद्धांजलि पत्र को पढ़ा। इस अवसर पर सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, पूर्व मंत्री श्याम रजक सहित अन्य विधायकगण, विधान पार्षदगण, पूर्व विधायकगण, पूर्व विधान पार्षदगण एवं पार्टी के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। श्रद्धांजलि सभा के अंत में सभी उपस्थित जनों ने दो मिनट का मौन धारण कर स्व्0 जॉर्ज फर्नांडिस की आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की।

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