आदेश मानो, वरना जेल भेज देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर और शिविंदर सिंह को साफ साफ कहा कि अगर अदालत के आदेश का उल्लंघन किया तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर और शिविंदर सिंह को साफ साफ कहा कि अगर अदालत के आदेश का उल्लंघन किया तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। जापान की दवा कंपनी दाइची के 4,000 करोड़ रुपए के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के मामले में कोर्ट ने यह टिप्पणी की। उच्चतम न्यायालय ने दाईईचि सैंक्यो को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने के संबंध में ठोस योजना पेश करने के अपने आदेश पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह के जवाब पर शुक्रवार को निराशा जाहिर की।
सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाईईचि सैंक्यो को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया था। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को दोनों से कहा था कि वे भुगतान के संबंध में ठोस योजना पेश करें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अब दाईईचि सैंक्यो को भुगतान करने को लेकर सिंह बंधुओं के खिलाफ अवमानना की सुनवाई की जाएगी। पीठ ने कहा कि यदि किसी आदेश की अवहेलन पायी गयी तो दोनों को जेल भेज दिया जाएगा।
इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल रहे। पीठ ने अवमानना मामले की सुनवाई के लिये 11 अप्रैल की तारीख तय की है। पीठ ने कहा, ‘हो सकता है कि आप आधी दुनिया के मालिक हों पर आपके पास इस बारे में कोई ठोस योजना नहीं है कि आप पंचाट के फैसले की राशि कहां से जुटाएंगे।
आपने कहा कि किसी के पास आपके छह हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। लेकिन यह राशि न यहां है न वहां है।’ दाईईचि ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में दाईईचि ने सिंगापुर पंचाट में शिकायत की थी कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग की चल रही जांच की बात छुपायी थी।