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अगर आप झुककर चलके हैं तो हो जाएं सतर्क, इस बीमारी के हो सकते हैं शिकार

05:41 PM Jul 16, 2025 IST | Priya
अगर आप झुककर चलके हैं तो हो जाएं सतर्क  इस बीमारी के हो सकते हैं शिकार

नई दिल्ली - रीढ़ की हड्डी (Spine) शरीर का वह मुख्य ढांचा है, जो पूरे शरीर को संतुलन प्रदान करता है। यह 33 छोटी-छोटी हड्डियों से मिलकर बनी होती है और सिर से लेकर कमर तक फैली होती है। इसके भीतर से गुजरने वाली स्पाइनल कॉर्ड मस्तिष्क से शरीर तक सिग्नल पहुंचाने का कार्य करती है।

हालांकि, जब रीढ़ की हड्डी में असामान्य रूप से झुकाव या टेढ़ापन आ जाता है, तो इसे चिकित्सकीय भाषा में स्कोलियोसिस या काइफोसिस कहा जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे न केवल शरीर के पोस्चर को बिगाड़ती है, बल्कि पीठ व गर्दन में दर्द, थकान, सांस की दिक्कत और आत्मविश्वास में कमी जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकती है।

शरीर की बनावट और अंगों पर असर
रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आने से सबसे पहले असर व्यक्ति की मुद्रा यानी पोस्चर पर पड़ता है। एक कंधा नीचे झुकना, पीठ का अत्यधिक बाहर की ओर मुड़ जाना, चलने में असंतुलन जैसे लक्षण सामने आते हैं। समय पर उपचार न होने पर यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है। फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। कुछ मामलों में दिल और पाचन तंत्र पर भी दबाव पड़ता है।

क्या हैं शुरुआती लक्षण?
रीढ़ की हड्डी में बदलाव अक्सर धीरे-धीरे होता है, लेकिन इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

- एक कंधे का दूसरे से ऊंचा दिखना।

- कमर का एक हिस्सा ज्यादा उभरा हुआ नजर आना।

- चलते समय शरीर का एक ओर झुकाव।

- कपड़ों का शरीर पर टेढ़ा बैठना।

- लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर पीठ में दर्द और थकान।

- गर्दन में अकड़न या खिंचाव।

यह स्थिति बच्चों और किशोरों में तेजी से बढ़ सकती है क्योंकि उस उम्र में शरीर की ग्रोथ भी तीव्र होती है। यदि बच्चा झुककर चलने लगे या उसकी पीठ असामान्य दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय रहते इलाज न हो पाने पर यह समस्या स्थायी विकृति का रूप ले सकती है।

कैसे करें बचाव?
- बच्चों और किशोरों की रीढ़ की नियमित जांच कराएं।

- गलत पोस्चर में बैठने या झुककर चलने की आदत से बचें।

- रीढ़ और पीठ को मजबूत करने वाले व्यायाम रोज करें।

- भारी बैग एक ही कंधे पर न लटकाएं।

- कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लें।

- लंबे समय तक लगातार बैठने से बचें, हर घंटे थोड़ा स्ट्रेच करें।

- रीढ़ में दर्द, अकड़न या झुकाव महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

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