'10 दिन मीट नहीं खाओगे तो..', नवरात्रि में मीट बैन पर ये क्या बोल गए Imran Masood
नवरात्रि में मीट बैन पर इमरान मसूद ने दिया बड़ा बयान
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने पर इमरान मसूद ने कहा कि इस समय मीट की मांग कम हो जाती है, इसलिए दुकानों को बंद करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील की। भाजपा नेताओं ने भी नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने की मांग की।
उत्तर प्रदेश में नवरात्रि के दैरान मीट के दुकानें बंद करने को लेकर राजनीति हो रही है। इस बीच सहारनपुर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने मीट की दुकानें बंद रखने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें स्वाभाविक रूप से बंद हो जाती हैं, क्योंकि उन दिनों में मांग कम हो जाती है। इसलिए नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद रखने की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है।
क्या बोले इमरान मसूद?
इमरान मसूद ने नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद रखने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि नवरात्रि के दौरान मीट की मांग उसी तरह कम हो जाती है, जिस तरह से बाजार बंद हो जाते हैं। नवरात्रि के दौरान बाजारों में सामान नहीं बिकता, इसलिए वे अपने आप बंद हो जाएंगे। ऐसे में दुकानें बंद रखने की क्या जरूरत है? उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील की और कहा कि हमें इसका सम्मान करना चाहिए, अगर हम दस दिन तक मीट नहीं खाएंगे तो क्या हम घिस जाएंगे? अगर इससे किसी को खुशी मिलती है तो दस दिन तक मीट न खाएं, इससे क्या होगा।
‘यह मीठी ईद है, बकरा ईद नहीं’
भाजपा सांसद योगेंद्र चंदौलिया ने कहा, नवरात्रि पर्व की गरिमा बनाए रखने के लिए मीट की दुकानें बंद होनी चाहिए। अगर मीट की दुकान वाले मंगलवार को दुकान बंद करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं। भाजपा विधायक अजय महावर ने कहा, खुले में मांसाहारी भोजन काटना, बेचना और पकाना बंद होना चाहिए। यह मीठी ईद है। बकरा ईद नहीं। हिंदुओं की भावनाओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। नवरात्रि के दौरान खुले में मांसाहारी/मटन बेचना और पकाना बंद होना चाहिए। एमसीडी, प्रवर्तन एजेंसियों को पत्र लिखा गया है।
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