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ऐसे लक्षण दिखें तो समझ लो हो गया अस्थमा, जल्द कराए ये जांच

अस्थमा के संकेत दिखें तो न करें अनदेखा, जांच कराएं

10:59 AM May 06, 2025 IST | Shivangi Shandilya

अस्थमा के संकेत दिखें तो न करें अनदेखा, जांच कराएं

ऐसे लक्षण दिखें तो समझ लो हो गया अस्थमा  जल्द कराए ये जांच
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विश्व अस्थमा डे के मौके पर लोगों को अस्थमा के शुरुआती लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अस्थमा एक गंभीर बीमारी है जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। यदि आपको सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न या खांसी जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत जांच कराएं।

हर वर्ष मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। आज मंगलवार को विश्व अस्थमा डे मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन का मकसद है लोगों को अस्थमा के बारे में जागरूक करना। इसके शुरुआती लक्षण और बचाव के बारे में लोगों को अवगत कराना। अस्थमा ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे बढ़ती है। अगर समय रहते इसका बचाव नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में आइए जानते है किन लक्षणों को देखकर सावधान हो जाना चाहिए और तुरंत जांच के लिए जाना चाहिए।

अस्थमा क्या है?

अस्थमा एक क्रॉनिक सांस की बीमारी है जिसमें फेफड़ों की नलियाँ संकरी हो जाती हैं और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसा एलर्जी, प्रदूषण, मौसम या आनुवंशिक कारणों से हो सकता है। इसलिए इसके प्रति ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है।

कैसे पहचाने इसके लक्षण

लगातार खांसी, खास तौर पर रात में या सुबह के समय।

सांस लेने में कठिनाई और घुटन महसूस होना।

छाती में दर्द, भारीपन महसूस होना।

थोड़ी दूर चलने पर तेजी से सांस लेना और हांफना।

लक्षण दिखें तो कराए ये जांच

स्पाइरोमेट्री टेस्ट : यह वह टेस्ट है जो फेफड़ों की कार्यक्षमता को जांचने वाला सबसे साधारण एक जांच होता है।

एलर्जी टेस्ट : इस टेस्ट से अस्थमा एलर्जी का ट्रिगर होना पता चलता है।

फेनो टेस्ट : इस टेस्ट से फेफड़ों के सूजन का माप किया जाता है। जो अस्थमा के संकेत हो सकता है।

इस बीमारी का इलाज

डॉक्टरों के अनुसार, अस्थमा का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन सही दवाओं और जीवनशैली से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। इनहेलर, नेबुलाइजर और एंटी-एलर्जिक दवाओं का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धूल, धुआं, पालतू जानवरों के बाल, ठंडी हवा और तेज परफ्यूम जैसी चीजों से बचें।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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