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पुखराज सबसे लोकप्रिय रत्नों में आता है। अंग्रेजी में इसे Yellow Sapphire कहा जाता है। आमतौर पर इसे बृहस्पति से संबंधित रत्न माना जाता है। बृहस्पति ग्रहों में सर्वाधिक शुभ ग्रह है। बहुत कम परिस्थितियों में बृहस्पति खराब फल कर देता है। इसलिए एक उम्र विशेष के बाद बिना कुंडली अवलोकन के भी पुखराज धारण किया जा सकता है। जन्मकुंडली की बात की जाए तो मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन लग्न के लोग निःसंकोच पुखराज धारण कर सकते हैं। श्रीलंकाई येलो सैफायर (पुखराज) सबसे श्रेष्ठ समझा गया है। अच्छी क्वालिटी का 2 से 3 कैरेट का पुखराज बहुत अच्छा फल देता है। इससे ज्यादा वजन का पुखराज बहुत महंगा आता है। वैसे लगभग 2 कैरेट का पुखराज भी बहुत चमत्कारी प्रभाव दिखाने में सक्षम है।
Yellow Sapphire जो लोग हाई प्रोफ़ाइल बिजनेस या राजनीति में है, उनको पुखराज अवश्य पहनना चाहिए।
जो लोग सीए, डॉक्टर, राजनीतिज्ञ, ज्योतिषी या किसी भी क्षेत्र में सलाहकार, शिक्षक आदि हों, वे भी पुखराज धारण कर सकते हैं।
जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है, या जिन लोगों का दांपत्य जीवन खराब चल रहा है, वे भी पुखराज धारण करके लाभ उठा सकते हैं।
पुखराज को शुक्ल पक्ष के गुरुवार को प्रातः 10:00 बजे से पहले, स्वर्ण धातु में, तर्जनी अंगुली में किसी ब्राह्मण के हाथों से धारण करना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्राह्मण के हाथ से आप धारण कर रहे हैं वह शिक्षित, सफल और 50 वर्ष से अधिक आयु का हो।
Yellow Sapphire यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक व्यक्ति पुखराज धारण करने में आर्थिक रूप से सक्षम हो। इसलिए जो पुखराज धारण करने में सक्षम नहीं है वे लोग कुछ दूसरे उपायों से भी बृहस्पति को बलवान बना सकते हैं। जैसे हल्दी की माला धारण कर सकते हैं। पीले हकीक की माला धारण कर सकते हैं। पुखराज का उपरत्न सुनहला धारण कर सकते हैं। अगर यह सब भी नहीं कर सके तो झूठ बोलने से ज्यादा से ज्यादा परहेज करें तो भी बृहस्पति प्रसन्न होता है। अधिकतम शुद्धता अर्थात मांस भक्षण और शराब नहीं पीने और प्रत्येक गुरुवार को पीले रंग का कोई खाद्य पदार्थ दान करने से भी बृहस्पति बलवान बनता है।