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Punjab सरकार का अहम फैसला, जेलों में सुधार के लिए नियमों में संशोधन

पंजाब की जेलों में बंद अपराधियों के लिए नई नीति लागू

03:44 AM Mar 22, 2025 IST | IANS

पंजाब की जेलों में बंद अपराधियों के लिए नई नीति लागू

पंजाब सरकार ने शुक्रवार को एक अहम कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें जेलों में बंद अपराधियों के स्थानांतरण से जुड़े नियम में संशोधन, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग में कई पदों का पुनर्गठन और स्कूल समितियों की संरचना में बदलाव शामिल हैं। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बैठक के बाद बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इन फैसलों का उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक सुधारों को लागू करना और आम जनता की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाना है।

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चीमा ने पत्रकारों को बताया कि चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक में सबसे पहले सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग में कई पदों के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई, खासकर ग्रुप ए के पदों में बदलाव किया गया है। इस कदम का उद्देश्य विभाग की कार्यक्षमता और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाना है। उन्होंने बताया कि पंजाब की जेलों में बंद अपराधियों से जुड़ी एक नई नीति बनाई गई है। ट्रांसफर ऑफ प्रिजन एक्ट-1950 में संशोधन कर अपराधियों को अन्य राज्यों की जेलों में भेजने और लाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पंजाब की जेलों में वर्तमान में 31 हजार से अधिक कैदी बंद हैं, जिनमें से लगभग 11 हजार एनडीपीएस (नशीली दवाओं के तस्करी) के मामलों में दोषी हैं। इसके अलावा, 200 गैंगस्टर, 75 आतंकवादी और 160 बड़े स्मगलर भी पंजाब की जेलों में बंद हैं। नई नीति के तहत, इन अपराधियों को ट्रायल के लिए दूसरे राज्यों की जेलों में भेजने या वापस पंजाब की जेलों में लाने के लिए एक सुव्यवस्थित तरीका अपनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में शांति बनाए रखना और गैंगस्टरों को काबू में रखना है। पंजाब सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा और आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है, जिसमें स्कूल समितियों के नियमों में बदलाव किया गया है। अब स्कूलों की समितियों में सदस्यों की संख्या 16 कर दी गई है। उनमें से 12 सदस्य बच्चों के अभिभावकों में से होंगे, जबकि चार सदस्य स्कूल के प्रतिनिधि होंगे। इस समिति का चेयरमैन कोई अभिभावक ही होगा।

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