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Imran Khan : इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तानी सरकार के कदम की सभी राजनीतिक दलों ने आलोचना की है, कई नेताओं ने इस विचार की निंदा की है और कहा है कि यह कदम अलोकतांत्रिक है और अगर इसे लागू किया गया तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे। पीटीआई के अलावा अन्य राजनीतिक दलों जैसे- पीपीपी, अवामी नेशनल पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की।
Highlight :
पीटीआई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा सामना की गई शर्मिंदगी का परिणाम है, जिसमें पीटीआई को आरक्षित सीटें दी गई थीं, जिसके कारण उसे संसद में दो-तिहाई बहुमत मिला था। विपक्षी नेता उमर अयूब खान ने पार्टी अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान और अन्य पार्टी नेताओं के समर्थन से कहा कि सरकार पाकिस्तान के 240 मिलियन लोगों को डराने, डराने और परेशान करने की ऐसी रणनीति के माध्यम से डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन पीटीआई डरने वाली नहीं है। उन्होंने कसम खाई कि उन्होंने अपनी इच्छा को कानून का दर्जा देकर देश को विनाश और अराजकता के दलदल में धकेलने पर तुले तत्वों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सबसे लोकप्रिय पार्टी को कुचलना असंभव है और इस तरह के कृत्य से कुछ भी सकारात्मक नहीं निकल सकता। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इस कदम से खुद को अलग कर लिया और कहा कि इस फैसले के बारे में उनके नेतृत्व को नहीं बताया गया। पीपीपी के खुर्शीद शाह ने कहा, हमने भी दूसरों की तरह ही इसे सुना है। हमें केवल इसलिए राजनीति करनी चाहिए क्योंकि ऐसे फैसले मुद्दों को संबोधित नहीं करते हैं। देखते हैं कि अदालत क्या फैसला करती है, लेकिन मैं अपनी पार्टी और उसकी नीति के साथ खड़ा रहूंगा। पीपीपी के एक अन्य सीनेटर फरहतुल्लाह बाबर ने भी इस कदम की निंदा की।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने या किसी राजनीतिक नेता पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की बात बकवास है। यह टिकाऊ नहीं है। राजनीतिक संकट को और बढ़ा रहा है। अमेरिकी लोकतंत्र अपने मौजूदा संकट को बरकरार रखेगा। पाकिस्तानी लोकतंत्र, बल्कि राज्य खुद भी, खुद पर थोपे गए संकट को बरकरार रखने की संभावना नहीं रखता। सावधान रहें। पूर्व पीपीपी सीनेटर मियां रजा रब्बानी ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना लोकतंत्र के खिलाफ है और उन्होंने सरकार से ऐसा कदम उठाने से बचने का आग्रह किया।