Imran Khan on Asim Munir: ओछी हरकतों पर उतरे आसिम मुनीर, महिलाओं को बना रहे निशाना, इमरान खान ने लगाया बड़ा आरोप
Imran Khan on Asim Munir: पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते है लेकिन अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनकी पोल खोल दी है, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर उनके परिवार की महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की कानूनी टीम ने संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपोर्टेयर ऑन टॉर्चर डॉ. ऐलिस जे. एडवर्ड्स से कथित दुर्व्यवहार को रोकने की अपील की है।
Imran Khan on Asim Munir

पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने PAK सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुनीर पर अपने परिवार की महिलाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ सभी अत्याचार आसिम मुनीर के आदेश पर हो रहे हैं। हमारा देश फिलहाल 'आसिम कानून' के तहत चल रहा है। मुनीर ने सारी नैतिकता को दफना दिया है।
Pakistan Politics: सैयद जुल्फीकार का बयान
PTI नेता सैयद जुल्फीकार ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की ओर से संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक, डॉ. एलिस जे. एडवर्ड्स के समक्ष दो औपचारिक अपील दायर की गईं। इमरान खान के बेटे सुलेमान और कासिम खान ने अपने पिता के लिए अपील दायर की है, जबकि मरियम वट्टू ने अपनी बहन बुशरा बीबी के लिए अपील दर्ज की है।

Allegations on Bushra Bibi: 7 साल की सजा
पाकिस्तान की पूर्व प्रथम महिला पर राजनीति से प्रेरित आरोप लगाए गए हैं और उन्हें सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि वर्ष 2024 में उनकी नजरबंदी के बाद से, उन्हें यातना, क्रूर, अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा है, जिसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड से दूषित खाना परोसना, अस्वास्थ्यकर और गंदी कोठरी में बंद करना, चिकित्सा देखभाल से वंचित करना और लंबे समय तक एकांतवास में रहना शामिल है।
Imran Khan statement
इमरान खान परिवार के वकील जेरेड जेनसर ने कहा कि यातना और दुर्व्यवहार की तो बात ही छोड़ें, न तो इमरान खान और न ही बुशरा खान को जेल में होना चाहिए। अवैध नजरबंदी और दुर्व्यवहार का यह मामला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत असहनीय है। संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर की सरकारों को उनके अधिकारों की रक्षा और उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
ALSO READ: दक्षिण सूडान में बाढ़ का कहर, एक लाख से अधिक लोग हुए विस्थापित