7 सालों में चांद पर होगी एक अलग कॉलोनी, जमीन खरीदने का सिलसिला हुआ शुरू, जानिए क्या हैं इसके पीछे का रहस्य
अगर आप भी पृथ्वी के अलावा कहीं और रहने के इच्छुक हैं तो ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने आपकी इच्छा को पूरा करने का एक तरीका ढूंढ निकाला हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, महज सात साल में इंसान का चांद पर स्थायी घर बन जाएगा। जी हां, सात साल में चांद पर कॉलोनी बस जाएगी और लोग वहां रहना शुरू कर देंगे।
12:28 PM Sep 05, 2023 IST | Khushboo Sharma
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लोग अब विशेष रूप से रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद करते हैं। इस निवेश पर रिटर्न भी सबसे ज्यादा है और लोगों को फायदा भी। लोग अपनी मेहनत की कमाई को रियल एस्टेट खरीदने में निवेश करते हैं।
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हालाँकि, पिछले कुछ समय से प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग का मुद्दा काफी बढ़ गया है। जिसकी वजह से पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों को खोजने में लोगों की रुचि बढ़ रही है जो जीवन जीने को पॉसिबल कर सकते हैं। पिछले कई सालों से कई वैज्ञानिक इस खोज पर काम कर रहे हैं। हालाँकि, अभी तक कोई सटीक प्रतिक्रिया या समाधान नहीं खोजा जा सका है।
चांद पर खरीदिए ज़मीन

हालाँकि, अब आपके लिए एक अच्छी खबर है। अगर आप भी पृथ्वी के अलावा कहीं और रहने के इच्छुक हैं तो ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने आपकी इच्छा को पूरा करने का एक तरीका ढूंढ निकाला हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, महज सात साल में इंसान का चांद पर स्थायी घर बन जाएगा। जी हां, सात साल में चांद पर कॉलोनी बस जाएगी और लोग वहां रहना शुरू कर देंगे। अगर आप ऐसी स्थिति में वहां रहना चाहते हैं तो तुरंत योजना बनाना शुरू कर दें।
ट्रायल की तैयारी शुरू

अगले सात सालों में ब्रिटेन के वैज्ञानिक इंसानों को चांद पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पैदा होने वाली परमाणु ऊर्जा के कारण लोग चंद्रमा पर बहुत लंबे समय तक रह सकेंगे। एक प्रोफेसर के अनुसार, ये ईंधन बंगौर विश्वविद्यालय में उत्पादित होते हैं। इसकी बदौलत इंसान चांद पर काफी समय बिता सकेगा। साथ ही जब वहां कॉलोनी बस जाएगी तो इंसान भी वहां आराम से रह सकेंगे। त्रिसोफ्यूल इस रिसर्च में प्रयुक्त परमाणु कणों को दिया गया नाम है।
मंगल ग्रह से ज्यादा मौके यहां हैं

एक प्रोफेसर के अनुसार, चंद्रमा पर मानव निवास 2030 में शुरू होगा। नासा के इस कार्यक्रम के नतीजे अगले एक साल तक ज्ञात नहीं होंगे। चंद्रमा का दृश्य क्षेत्र मंगल की तुलना में अधिक व्यापक है। इस कारण से, उन्हें अगले सात वर्षों में अपनी योजना को क्रियान्वित करने की पूरी उम्मीद है। परमाणु ईंधन का उत्पादन करने वाली बैंगोर टीम इस क्षेत्र में विश्व स्तर पर अग्रणी है। वह रोल्स रॉयस, नासा और यूके स्पेस एजेंसी के साथ सहयोग करती है।
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