बैंकों के फंसे कर्ज में आएगी कमी
बैंकों में सकल एनपीए का स्तर मार्च 2018 में बकाया कर्ज के 11.5 प्रतिशत था जो मार्च 2019 में घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया।
07:45 AM Jun 26, 2019 IST | Desk Team
मुंबई : वसूली बढ़ने तथा ऋण की किश्तें अटकने के नए मामलों में कमी को देखते हुए देश में बैंकों की सकल अवरुद्ध परिसंपत्ति (एनपीए) चालू वित्त वर्ष के अंत तक कम होकर 8 प्रतिशत पर आ सकती है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया कहा गया है।
बैंकों में सकल एनपीए का स्तर मार्च 2018 में बकाया कर्ज के 11.5 प्रतिशत था जो मार्च 2019 में घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में निर्णायक रूप से बदलाव आना चाहिए। मार्च 2020 तक सकल एनपीए 8 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है जो दो साल में 3.5 प्रतिशत कमी दर्शाता है।
कर्ज बिगड़ने के नए मामलों में कमी के साथ साथ मौजूदा एनपीए खातों में वसूली में वृद्धि से ऐसा संभव हो सका है। एजेंसी के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए मार्च 2018 के 14.6 प्रतिशत के स्तर से 4 प्रतिशत कम होकर मार्च 2020 तक 10.6 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है।
ताजा एनपीए वित्त वर्ष 2018-19 में आधा हुआ
फंसे कर्ज के मामलों में कमी पिछले वित्त वर्ष से देखी जा रही है। ताजा एनपीए वित्त वर्ष 2018-19 में आधा होकर 3.7 प्रतिशत पर आ गया जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत था। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में इसके 3.2 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है।
क्रिसिल ने कहा कि इसका कारण यह है कि बैंकों ने वित्त वर्ष 2015-16 से करीब 17 लाख करोड़ रुपये के दबाव वाले कर्ज को एनपीए के रूप में चिन्हित किया। रिजर्व बैंक के एनपीए को लेकर कड़े नियम तथा संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के कारण एनपीए चिन्हित करने में तेजी देखी गयी।
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