Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध बना दिखावा

NULL

12:59 PM Jul 19, 2017 IST | Desk Team

NULL

गुड़गांव: एक तरफ हर साल जहां पूरे देश में तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है वहीं दूसरी तरफ एन.सी.आर. के प्रमुख शहर गुड़गांव के जिला प्रशासन व करीब 20 लाख आबादी, न तो इस दिवस का कोई महत्व समझती है और न ही साइबर सिटी में इसका कोई असर दिखता है। तम्बाकू सेवन और बीड़ी-सिगरेट पीने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद भी पार्कों, बस अड्डे, आश्रम बड़े मंदिर (तीर्थ स्थल) बसों, गौशालाओं आदि सार्वजनिक स्थानों पर आम लोगों को धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल करते देखा जा सकता है। बुजुर्ग लोग चौपालों पर हुक्के का उपयोग करते थे जो मध्यम वर्ग बीड़ी और आज की जनरेशन सिगरेट, पान मसाले व नशे पदार्थों का भरपूर इस्तेमाल कर रही है। इतना ही नहीं शिक्षा के मंदिर कहलाने वाले स्कूलों के शिक्षक व मंदिरों के पुजारी प्रकांड पंडित बीड़ी सिगरेट व नशीली चीजों का उपयोग करके हजारों बच्चों तथा श्रद्धालु भक्तों को गलत संदेश देने पर तुले हैं।

डब्ल्यूएचओ के सर्वे के अनुसार देशभर में 2800 लोगों की मृत्यु धूम्रपान-तंबाकू सेवन से 24 घंटे में हो रही है। सिगरेट का पैकेट जिंदगी 11 मिनट कम कर देता है। आश्चर्य की बात यह है कि देश में 10 प्रतिशत लड़कियां अब धूम्रपान करने लगी है और प्रतिदिन 5500 किशोर युवक धूम्रपान करना सीख रहे हैं। शहर के बड़े अस्पताल के एक डाक्टर के के अनुसार (केंस विशेषज्ञ) केंसर का 40 प्रतिशत कारण तंबाकू सेवन है और 50 प्रतिशत की मौत जहां धूम्रपान से होती है वहां हर वर्ष 55 लाख लोग पूरे विश्व में मौत का शिकार बन रहे हैं। सिविल अस्पताल की एक डाक्टर ने बताया कि यदि 300 मरीज ओपीडी में आते हैं तो उनमें से लगभग 150 रोगी धूम्रपान के कारण बीमा होते हैं। शहर के पचासों प्रबुद्ध समाजसेवियों ने जिला व पुलिस प्रशासन से सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू-बीड़ी सिगरेट पर प्रतिबंध सख्ती से लागू कराने की मांग की है।

(पी.सी. आर्य)

Advertisement
Advertisement
Next Article