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चैकिंग के नाम पर मार्किट कमेटी के अधिकारी पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप

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12:31 PM Jan 24, 2018 IST | Desk Team

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करनाल : आखिर मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों के माध्यम से कौन ब्लैकमेलिंग कर रहा है। क्या मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सी.एम सिटी में फजीहत करवाए जाने का प्लान है। या फिर उन्हें हराने की योजना बनाई जा रही है। अगर ऐसा नहीं है तो सरकारी अधिकारी काम करने के नाम पर खुलेआम ब्लैकमेलिंग क्यों कर रहे है। यह सबसे बड़ा सवाल उभरकर सामने आ रहा है। सोमवार को एफ.सी.आई के कार्यालय में क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी के खिलाफ चावल व्यापारी नारेबाजी करने पहुंच गए थे। अपनी फजीहत से बचने के लिए एफ.सी.आई के डी.एम रवि यादव ने क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी का तबादला कहीं और कर दिया है। लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अभी यह मामला ठंडा ही नहीं हुआ, कि आज दोपहर को चार दर्जन से अधिक चावल व्यापारी लघु सचिवालय में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी करने पहुंच गए। इसमें सबसे अहम बात यह है कि चावल व्यापारियों ने मार्किट कमेटियों के एक अधिकारी पर चैकिंग के नाम पर 20 लाख रुपए मांगने के आरोप लगाए है। यही नहीं व्यापारियों ने एस.डी.एम को आज ज्ञापन पत्र सौंपा। यह ज्ञापन पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम सौंंपा गया। चावल व्यापारियों ने मार्किट कमेटी के डी.एम.ई.ओ सुपरवाइजर पर आरोप लगाया है कि यह अधिकारी ब्लैकमेलिंग के नाम पर चावल व्यापारियों को नजायज तंग कर रहे है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले दोनो अधिकारी एक फर्म में घुस गए और उनके सारे कागजात उठाकर चलते बने। कागज उठाए करीब 15 दिन हो चुके है, जब उनसे कागज वापसी की बात की गई तो उन्होंने आरोप लगाया कि दोनो ने 20 लाख रुपए की मांग की है। उन्होंने कहा कि चावल व्यापारियों से इसी तरह पैसे इकट्ठे करने के लिए उन्हें फोन तक किये जा रहे है। उनकी वॉयस रिर्काडिंग चावल व्यापारियों के पास उपलब्ध है।

उनका यह भी आरोप था कि राईस मिल एसोसिएशन के प्रधान और सचिव पर नजायज दबाव बनाया जा रहा था। उनका आरोप था कि सरकार के नाम पर यह अधिकारी चंडीगढ़ से उच्च अधिकारियों को बुलाकर ब्लैकमेलिंग करते है। इसलिए इन अधिकारियों के खिलाफ जांच करके मुकद्दमा दर्ज किया जाएं। यह ज्ञापन पत्र लघु सचिवालय में करनाल के एस.डी.एम को सौंपा गया। इससे पहले चावल व्यापारियों ने जमकर नारेबाजी की और मांग की कि ब्लैकमेलर अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके इन्हें निलंबित किया जाएं। हालांकि एस.डी.एम ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

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– हरीश चावला

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