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निज्जर हत्याकांड मामले में कनाडा के दावों की खुली पोल , ट्रूडो ने माना- भारत पर आरोप लगाते वक्त उनके पास नहीं थे ठोस सबूत

हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था

11:36 AM Oct 16, 2024 IST | Shera Rajput

हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था

हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जो दोनों देशों के संबंधों में तनाव का कारण बना। हालांकि, अब ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि जब उन्होंने यह आरोप लगाए थे, तब उनके पास ठोस सबूत नहीं थे। यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में आई है जब कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। बता दे कि फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन के सामने अपनी गवाही में खुद ट्रूडो ने कबूला है कि इस मामले को जब उन्होंने शुरुआत में उठाया तो उनकी सरकार के पास भारत के खिलाफ मजबूत साक्ष्य नहीं थे।

वही , ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत की भूमिका की जांच के लिए कुछ सूचनाएं प्राप्त की थीं, जिनके आधार पर उन्होंने यह बयान दिया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले पर अभी जांच चल रही है और कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।

संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के सिलसिले में ट्रूडो ने गवाही देते समय यह बात कही।

ट्रूडो ने इस दौरान दावा किया कि भारतीय राजनयिक कनाडा के उन लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे थे जो नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से असहमत हैं, और इसे भारत सरकार के उच्चतम स्तर तक और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों तक पहुंचा रहे थे।

ट्रूडो ने कहा कि मुझे इस तथ्य के बारे में जानकारी दी गई कि कनाडा और संभवतः ‘फाइव आईज’ सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इसमें शामिल था…भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे।’’

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसे उनकी सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया।

‘फाइव आईज’ नेटवर्क पांच देशों का एक खुफिया गठजोड़ है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

ट्रूडो ने कहा कि भारत ने वास्तव में ऐसा किया, और हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने ऐसा किया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का तात्कालिक दृष्टिकोण भारत सरकार के साथ मिलकर इस पर काम करना है, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

हम लगातार कहते आर रहे हैं कि कनाडा ने गंभीर आरोपों के समर्थन में हमें कोई भी सबूत पेश नहीं किया – प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस बयान से संबंधित मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बृहस्पतिवार तड़के एक बयान जारी किया। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि आज जो हमने सुना है, वह केवल उस बात की पुष्टि करता है जो हम लगातार कहते आर रहे हैं कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में हमें कोई भी सबूत पेश नहीं किया है। मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अभद्र व्यवहार से भारत-कनाडा संबंधों को जो नुकसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी अकेले प्रधानमंत्री ट्रूडो की ही है।

हमारे पास तब ये मुद्दा उठाकर भारत को शर्मिंदा करने का मौका था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया – ट्रूडो

ट्रूडो ने बताया कि बीते वर्ष जी-20 के सेशन के बाद मेरी पीएम मोदी के साथ बात हुई थी। हमारे पास तब ये मुद्दा उठाकर भारत को शर्मिंदा करने का मौका था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। मैंने पीएम मोदी से कहा कि हमें पता है कि भारत सरकार इस मामले में संलिप्त है। इस पर उन्होंने कहा कि कनाडा में ऐसे लोग है जो उनकी सरकार के खिलाफ मुखर हैं और वो चाहते हैं उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस पर मैंने उन्हें फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला दिया।

ट्रूडो ने आगे बताया कि भारतीय मीडिया ने लगातार कनाडा और कनाडाई लोगों को निशाना बनाया। ऐसे में सितंबर में आखिरकार हमें सामने आकर वो सब बताना पड़ा। हम चाहते थे कि हमारे लोग इस मामले में कनाडा की सरकार की कार्रवाई पर भरोसा करें क्योंकि हम लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें निश्चिंत करना चाहते थे। इसी दौरान हमने पाया कि भारत का रुख कनाडा सरकार पर हमला करने की दिशा में ही रहा।

आपको बात दे कि भारत ने इससे पहले सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और निज्जर की हत्या की जांच से दूत को जोड़ने के ओटावा के आरोपों को खारिज करने के बाद कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की भी घोषणा की थी।

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